नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर (RBI Deputy Governor) स्वामीनाथन जे. ने वित्तीय संस्थानों से एमएसएमई (MSME) के प्रति अधिक संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सेक्टर का समर्थन करने के लिए लोन के पुनर्गठन जैसे सहायक विकल्पों को तैयार करने की सलाह दी है।
स्वामीनाथन जे. आज फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FEDAI) के एनुअल डे समारोह में शामिल हुए थे। इस समारोह में उन्होंने संबोधन देते हुए कहा कि एमएसएमई को किफायती वित्त, विलंबित भुगतान, बुनियादी ढांचे की बाधाओं और अनुपालन की आवश्यकताओं जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
देश के आर्थिक परिवर्तन में जरूरी है MSME
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि अगर एमएसएमई सेक्टर का मजबूत विकास नहीं होता है तो इसके बिना भारत की आर्थिक परिवर्तन का सफर भी पूरा नहीं हो पाएगा।
MSME सिर्फ हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ नहीं हैं। यह विकास, नवाचार और रोजगार के इंजन हैं। हालांकि, इन उद्यमों को वास्तव में फलने-फूलने और बड़े पैमाने पर आगे बढ़ने के लिए, फाइनेंशियल सेक्टर को नवीन समाधान, संवेदनशीलता और दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होगा।