ढाका (बांग्लादेश):- 2009 में शेख हसीना के प्रधानमंत्री बनने के बाद से बांग्लादेश, भारत का एक प्रमुख सहयोगी रहा है। उनके नेतृत्व में दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों में काफी महत्वपूर्ण इजाफा हुआ है। बांग्लादेश में चल रहे संकट से इस साझेदारी के भविष्य और भारत पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं।
भारतीय वित्त मंत्रालय बांग्लादेश की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। शेख हसीना के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच व्यापार में वृद्धि देखी गई है, जिसमें भारत को व्यापार अधिशेष, यानि भारत को व्यापार लाभ का फायदा मिला है। लेकिन, उनके जाने से ये लाभ बाधित हो सकते हैं, जिससे माल और ‘लोगों का प्रवाह’ प्रभावित हो सकता है और आशंका इस बात को लेकर भी है, कि भारत और बांग्लादेश के बीच संभावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) भी रूक सकता है।
शेख हसीना सरकार में कैसे बढ़ा भारत-बांग्लादेश के बीच कारोबार
शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ने भारत विरोधी आतंकवादी समूहों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत के साथ मजबूत आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा दिया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 13 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
बांग्लादेश, भारत के कपास का एक बहुत बड़ा खरीददार है और भारत से बड़ी मात्रा में पेट्रोलियम उत्पादों और अनाज की भी खरीददारी करता है। दूसरी तरफ, भारत बांग्लादेश से तैयार कपड़ों का आयात करता है।