नई दिल्ली:- राष्ट्रीय महिला आयोग(NCW) की एक टीम दिल्ली के रोहिणी स्थित ‘आशा किरण’ नामक मानसिक रूप से विकलांगों के लिए बनाए गए सरकारी गृह पहुंची। यहां पर जनवरी 2024 से अब तक 14 मौतों के मामले सामने आए हैं। इस संबंध में दिल्ली की मंत्री आतिशी ने एसीएस राजस्व को तुरंत पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने और 48 घंटे के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
‘आशा किरण’ शेल्टर होम मामले पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ‘आशा किरण’ नाम का शेल्टर होम चलाती है जिसमें मानसिक रूप से बीमार महिलाएं और बच्चे रहते हैं। इस शेल्टर होम में पिछले 20 दिन में 13 मौतें रहस्यमयी कारणों से हुई हैं। मैं जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थीं तब भी यहां 2 महीनों में 11 रहस्यमयी मौतें हुई थीं। मैंने यहां जाकर निरीक्षण किया था और बहुत बुरे हालात पाए थे। वहां पर महिलाएं रेंग कर बाथरूम जाने पर मजबूर हैं। कई छोटे बच्चों को अपने बिस्तरों में शौच करना पड़ रहा था। डॉक्टरों की भी कमी थी। हमने कठोर रिपोर्ट बनाकर दिल्ली सरकार को दी। तब भी कुछ जांच हुई थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी। इस मामले में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। मैं ये मुद्दा सदन में उठाऊंगी। जवाबदेही तय होनी चाहिए।
समाचार पढ़ना भारी हो रहा
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में सांस लेना भारी पड़ रहा है। समाचार पढ़ना भारी हो रहा है। आशा किरण में मानसिक रूप से विकलांग लोगों को रखा जाता है। सूचना मिली है कि वहां बच्चों को ठीक से खाना नहीं दिया जाता है। बच्चे बीमार पड़ जाते हैं तो उन्हें इलाज नहीं दिया जाता। आम आदमी पार्टी को अपने पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। इस तरह के समाचार रोज आते हैं। आम आदमी पार्टी जो कहती है वो करती कहां है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को बहुत ही दुखद स्थिति में ला दिया है। दिल्ली को बचाने के लिए ऐसे लोगों को पद से हटाना बहुत ही आवश्यक है।