नई दिल्ली:- ओल्ड राजिंदर नगर की घटना के बाद, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रधानाचार्यों या प्रमुखों को सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किए हैं- स्कूल भवनों में यदि कोई बेसमेंट है। तो उसका उपयोग केवल मास्टर प्लान के प्रावधानों और स्वीकृत योजना के अनुसार अनुमत गतिविधियों के लिए किया जाएगा। बेसमेंट तक पहुंच को उचित रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए और स्कूल निकासी योजना में स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए। उपकरणों सहित बिजली की तारों और फिटिंग की जाँच की जानी चाहिए और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए।
दिल्ली मंत्री और AAP नेता आतिशी ने कहा कि दो महत्वपूर्ण चीजे सामने आई हैं। पहला-जो नाले उस क्षेत्र में जलभराव के लिए जिम्मेदार थे उस पर वहां के सारे कोचिंग सेंटर ने अतिक्रमण किया हुआ था। जिसकी वजह से नाले से पानी नहीं निकल पा रहा था। दूसरा-बेसमेंट में क्लास और लाइब्रेरी चल रही थी वो 100% गैर कानूनी था। बेसमेंट का प्रयोग पार्किंग और स्टोरेज के लिए किया जा सकता था। प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर MCD ने कार्रवाई शुरू की। जो JE जिम्मेदार था उसे MCD से बर्खास्त कर दिया है। AE को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है। मैं आपको भरोसा दिलाना चाहती हूं कि जैसे ही पूरी जांच रिपोर्ट सामने आएगी और इन अधिकारियों के अलावा भी कोई भी अधिकारी शामिल हुआ उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ओल्ड राजिंदर नगर हादसे पर सचिन शर्मा (अतिरिक्त डीसीपी-प्रथम, मध्य जिला) ने कहा कि सोशल मीडिया पर कई तरह के गलत मैसेज चल रहे हैं और ये लोग उस पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। हम लोग कोशिश कर रहे हैं इनको सच्चाई पूरी तरह से पता हो और सरकार के तरफ से की जा रही कार्रवाई को भी इन्हें बताना जरूरी है। कल उपराज्यपाल ने बैठक भी ली जिसमें इनके तरफ से प्रतिनिधि गए हुए थे। उपराज्यपाल ने इनकी बातें सुनीं और समाधान के लिए निर्देश दिए है। तो इन्हीं हम यही समझा रहे हैं।