नई दिल्ली :- टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर इंडिया (Air India) ने नॉन-फ्लाइंग परमानेंट स्टाफ के लिए वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) पेश की है। यह स्कीम कम से कम 5 साल तक की सर्विस वाले स्थायी कर्मचारियों के लिए है। इसके अलावा कंपनी के साथ 5 साल से कम समय से काम कर रहे नॉन-फ्लाइंग परमानेंट स्टाफ के लिए वॉलंटरी सैपरेशन स्कीम (VSS) लाई गई है। एयर इंडिया, विस्तारा का खुद में मर्जर करने वाली है।
एयर इंडिया ने इन योजनाओं की पुष्टि की है, हालांकि इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है। दोनों योजनाएं बुधवार, 17 जुलाई को शुरू की गईं। संबंधित कर्मचारियों को VRS/VSS के लिए आवेदन करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।
तीसरी बार परमानेंट स्टाफ के लिए लाई VRS
ढाई साल पहले जनवरी, 2022 में एयर इंडिया को सरकार से टाटा ग्रुप ने खरीदा था और इस तरह कंपनी का प्राइवेटाइजेशन हो गया। उसके बाद से यह तीसरा मौका है, जब एयर इंडिया अपने स्थायी कर्मचारियों के लिए वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम लेकर आई है।
विस्तारा के विलय से 600 कर्मचारियों पर पड़ सकता है असर
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सोर्सेज के हवाले से इस महीने की शुरुआत में रिपोर्ट दी थी कि विस्तारा के एयर इंडिया में विलय से दोनों एयरलाइंस के करीब 600 कर्मचारियों पर असर पड़ने का अनुमान है। एयर इंडिया और विस्तारा में कुल मिलाकर 23,000 से अधिक कर्मचारी हैं। विस्तारा की ओर से भी VRS/VSS जैसी योजनाओं की घोषणा जल्द हो सकती है, क्योंकि फिटमेंट प्रक्रिया पूरी होने और भूमिकाएं सौंपे जाने के बाद कुछ छंटनी हो सकती है। एयर इंडिया कुछ अनावश्यक कर्मचारियों को एयर इंडिया समूह या टाटा समूह की कंपनियों में एकोमोडेट करने की कोशिश कर रही है।
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