अफगानिस्तान में कब्जा में आने के बाद से तालिबान लगातार दुनिया से गुहार लगा रहा है कि वो उसका समर्थन करें। लेकिन दुनिया के बड़े देश वेट एंड वॉच की स्ट्रेटजी अपनाए हुए हैं और तालिबान की हर एक हरकतों पर नजर बनाए हुए हैं। अब तालिबान ने ऐसी कायराना हरकत की है जिसके एक बार फिर से दुनिया में थू-थू हो रही है। तालिबान अब बिना सुनवाई के ही लोगों को मौत की सजा दे रहा है। जिसे देखते हुए अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने जमकर लताड़ लगाई है। तालिबान बिना सुनवाई के कैदियों को मौत की सजा दे रहा है और अफगान सुरक्षा बलों के पूर्व सदस्यों के जबरन लापता होने के कथित मामलों को सामने आने के बाद अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशोंने तालिबान की जमकर लताड़ लगाई है। तालिबान ने सत्ता संभालते ही पूर्व सरकारी कर्मियों के लिए सामूहिक माफी का ऐलान किया था लेकिन अब इससे उलट तालिबान पर एक बार फिर से गंभीर मानवाधिकार हनन के आरोप लग रहे हैं। पश्चिमी देशों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा हम तालिबान से अफगान सुरक्षा बलों के पूर्व सदस्यों और पूर्व सरकारी अधिकारियों के लिए माफी को प्रभावी ढंग से पूरे देश में लागू करने का आह्वान करते हैं। यह सभी पद के लिए बराबर होना चाहिए। इससे एक दिन पहले ही एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधीकार संगठन ने तालिबान की ओर से दी जा रही मौत की सजाओं और अधिकारियों के गायब होने को लेकर 25 पन्नों की रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें अफगान सेना के 47 पूर्व सदस्यों का जिक्र था जिन्हें या तो मार दिया गया था या फिर लापता हैं। इन सब ने 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद आत्मसमर्पण कर दिया था। सभी देशों ने तालिबान पर शख्ती दिखाते हुए कहा है कि दर्ज हुए मामलों को निष्पक्ष और जल्द से जल्द जांच हो, दोषियों को सजा मिले और इन ऐक्शन को सार्वजनिक किया जाए ताकि आगे इस तरह की हत्याओं और अधिकारियों के लापता होने के मामले न मिलें।
तालिबान के खिलाफ संयुक्त बयान जारी करने वाले देशों में अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया बेल्जियम बुल्गारिया कनाडा डेनमार्क यूरोपियन यूनियन फिनलैंड फ्रांस जर्मनी जापान नीदरलैंड न्यूजीलैंड नॉर्थ मैसीडोना पोलैंड पुर्तगाल रोमानिया स्पेन स्वीडन स्विट्जरलैंड यूनाइटेड किंगडम और यूक्रेन शामिल हैं।