आई स्किल सर्जरी :-आंखों से जुड़ी समस्या से अधिकांश लोग पीड़ित रहते हैं। बड़ी संख्या में बच्चों और युवाओं को कम आयु में ही चश्मा लग जाता है। कई लोग है जो चश्मा लगाना पसंद नहीं करते हैं।
खासकर खिलाड़ी, क्योंकि खेल के दौरान चोटिल होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में अब इलाज के लिए नई तकनीक के माध्यम से चश्मा हटाया जा रहा है। जिसमें बिना चश्मे के आसानी से देख सकते हैं।
पीड़ित मरीजों को लाभ मिल रहा
अत्याधुनिक लेजर विजन करेक्शन टेक्नोलॉजी सिल्क (स्मूथ इंसिजंस लेंटिक्यूल केराटोमाइल्यूसिस) के माध्यम से अब आसानी से चश्मा हटाया जा सकता है। इस तकनीक से मायोपिया और एस्टिग्मेटिज्म से पीड़ित मरीजों को लाभ मिल रहा है। सिल्क प्रक्रिया कार्निया (कार्नियल लेंटिक्यूल) में एक छोटे डिस्क के आकार का टिशू बनाने के लिए एडवांस लेजर सिस्टम का उपयोग करती है, जिसे केवल तीन मिमी के सूक्ष्म चीरे के माध्यम से हटा दिया जाता है।
कार्निया के आकार को बदलने से विजन सही हो जाता है
डॉ. उर्विजा चौधरी, नेत्र रोग विशेषज्ञ ने बताया कि कार्निया के इस आकार को बदलने से विजन सही हो जाता है, जिससे मरीज बिना किसी परेशानी के देख सकता है। जो लोग बिना चश्मे या कान्टैक्ट लेंस के जीवन जीने का सपना देखते हैं, उनके लिए यह उपचार लाभदायक है। यह सुरक्षित प्रक्रिया है। साथ ही अन्य प्रक्रियाओं की तुलना में बहुत जल्दी अपने दैनिक कार्यों को फिर से शुरू कर सकते हैं।
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