नई दिल्ली:- मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET) का पिछले दोनों आया रिजल्ट देखकर हर कोई हैरान रह गया। क्योंकि इस बार नीट परीक्षा में 67 स्टूडेंट्स ने 720 स्कॉर कर टॉप कर दिया।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET) का पिछले दोनों आया रिजल्ट देखकर हर कोई हैरान रह गया। क्योंकि इस बार नीट परीक्षा में 67 स्टूडेंट्स ने 720 स्कॉर कर टॉप कर दिया। इसमें 53 लड़के और 14 लड़कियों का नाम शामिल हैं। इन सभी स्टूडेंट्स को 720 में से 720 अंक (99.997129 परसेंटाइल) प्राप्त हुए। इसीलिए सभी को एक ही रैंक मिला है। टॉपरों की से कटऑफ में भी भारी उछाल देखने को मिल रहा है। जिसके चलते मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन को लेकर स्टूडेंट्स ही नहीं बल्कि पेरेंट्स भी परेशान है।
इस साल 13.16 लाख बच्चों ने नीट परीक्षा पास की है। इस साल नीट यूजी में कुल 67 छात्रों ने (AIR) एआईआर 1 हासिल किया है। टॉपर्स के होने से किसी भी मैडिकल कॉलेज में न सिर्फ कटऑफ बढ़ेगी बल्कि हर किसी को अपनी पसंद के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। इस बीच नीट परीक्षा कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने कहा कि 67 छात्रों ने इसलिए टॉप किया है क्योंकि एनसीईआरटी ने अपनी किताबों में बदलाव किया जिसके चलते एक प्रश्न के दो उत्तर होने की वजह से 44 अभ्यर्थियों के अंक 715 से बढ़कर 720 हो गए। एनटीए ने कहा कि इसके साथ ही इस बार बहुत से अभ्यर्थियों को परीक्षा में उनका समय बर्बाद होने की वजह से मुआवजे के तौर पर उन्हें ग्रेस मार्क्स भी दिए गए हैं।
बता दें कि नीट परीक्षा में केमिस्ट्री में एटॉम पर एक प्रश्न था। जिसके उत्तर के लिए छात्रों को चार विकल्पों में से एक उत्तर चुनने के लिए कहा गया था, जिसमें यह बताया गया था कि प्रश्न में दिए गए दो कथनों में से कौन सा सही था। विवाद तब से उठा जब एनटीए ने प्रोविजनल आंसर-की पर आपत्तियों के बाद पाया कि दिए गए विकल्पों में से दो को एनसीईआरटी ने अपनी पुरानी नई पुस्तकों में सही बताया था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुरानी एनसीईआरटी बुक के हिसाब से सही विकल्प था प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं। हालांकि, नई एनसीईआरटी पुस्तकों में कहा गया है कि अधिकांश तत्वों के परमाणु स्थिर होते हैं।
नीट में ज्यादा टॉपर होने की वजह
वहीं नीट में अधिक टॉपर होने पर एनटीए ने कहा कि आसान परीक्षा, रजिस्ट्रेशन में वृद्धि के चलते भी ऐसा हुआ है। एनटीए के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि, “एनटीए को उन सभी छात्रों को 5 अंक देने थे जिन्होंने दोनों विकल्पों में से किसी एक को चुना था। इसके कारण कुल 44 छात्रों के अंक 715 से बढ़कर 720 आ गए। यही वजह है कि टॉपर्स की संख्या में बढ़ोतरी हो गई।
इन तमाम कैटेगरी से स्टूडेंट्स हुए पास
इस साल कुल 13,16,268 उम्मीदवारों ने नीट परीक्षा पास की है। इनमें 3,33,932 अनारक्षित श्रेणी से, 6,18,890 ओबीसी श्रेणी से, 1,78,738 एससी , 68,479 एसटी वर्ग के स्टूडेंट्स शामिल हैं। जबकि 1,16,229 ईडब्ल्यूएस 4120 स्टूडेंट्स दिव्यांग श्रेणी के हैं। वहीं अगर राज्यवार स्टूडेंट्स के प्रदर्शन की बात करें तो उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 11,65,047 पास हुए हैं। जबकि महाराष्ट्र के 1,42,665, राजस्थान के 121240 तमिलनाडु के 89426 स्टूडेंट्स ने नीट परीक्षा में सफलता हासिल की है। बता दें कि इस साल नीट परीक्षा के लिए 24,06,079 अभ्यर्थियों रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से 23,3,329 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी। इस तरह से इस बार कुल 56.4 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने नीट की परीक्षा पास की है ।
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