नीट एग्जाम 2024 :-डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए देश में नीट एग्जाम होता है। नीट में हर साल लाखों स्टूडेंटस एग्जाम देते हैं लेकिन भारत में मेडिकल के लिए इतनी सीट नहीं हैं कि सभी स्टूडेंट्स को MBBS जैसे कोर्स में एडमिशन दिया जा सके। तो इसके बाद स्टूडेंट्स के पास क्या ऑप्शन बचता है?
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जो स्टूडेंट्स नीट की परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं वह कैसे MBBS डॉक्टर बन सकते हैं।
नीट में फेल होने वाले स्टूडेंट्स के पास भारत के अलावा विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने का ऑप्शन है। बांग्लादेश, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, फिलीपींस ऐसे देश हैं, जहां डॉक्टरी की पढ़ाई का खर्चा भारत से सस्ता है. रूस, अमेरिका, चीन, पोलैंड जैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए कई अच्छी यूनिवर्सिटीज हैं।
बांग्लादेश
पड़ोसी देश बांग्लादेश भी धीरे-धीरे भारतीय मेडिकल छात्रों की पसंद बन रहा है। बांग्लादेश में प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज हैं- बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज, एशियन मेडिकल कॉलेज और बीजीसी ट्रस्ट मेडिकल कॉलेज।
चीन
चीन में 45 ऐसे मेडिकल इंस्टीट्यूट्स हैं जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से अप्रूव्ड हैं । यहां एमबीबीएस करने के लिए यहां कुनमिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी, चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी, नानजिंग मेडिकल कॉलेज और झेंग्झौ विश्वविद्यालय प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान हैं।
कजाखिस्तान
अधिकांश मेडिकल कॉलेजों में किफायती फीस पर डॉक्टरी की पढ़ाई होती है। एमबीबीएस करने के यहां के मशहूर संस्थान हैं- साउथ कजाकिस्तान मेडिकल एकेडमी, कजाख नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, अस्ताना मेडिकल यूनिवर्सिटी और अल फराबी कजाख यूनिवर्सिटी
नेपाल
पड़ोसी मुल्क नेपाल में भी मेडिकल एजुकेशन का इंफ्रास्ट्रक्चर काफी अच्छा है। यहां मेडिकल की पढ़ाई, रहने खाने का खर्च भारत के प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में काफी कम है । यहां नेशनल मेडिकल कॉलेज, नोबेल मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सल कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, और चितवन मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस की डिग्री पाने के लिए अच्छे ऑप्शन हैं।
विदेश से MBBS कर रहे हैं तो NMC की इन गाइडलाइंस को ध्यान रखना जरूरी
- 54 महीने की पढ़ाई हो और 12 महीने की इंटर्नशिप की अनिवार्यता।
- जॉइनिंग के 10 साल के भीतर कोर्स पूरा हो जाना चाहिए।
- पढ़ाई का माध्यम भी अंग्रेजी होना चाहिए।
- जिस देश की यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई की है, उसी देश में इंटर्नशिप और एग्जाम पूरे करने होंगे।
भारत में देना होगा ये एग्जाम
विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करके अगर भारत में डॉक्टर बनना है, तो इसके लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन (FMGE) परीक्षा पास करके ही भारत में डॉक्टरी का लाइसेंस मिलता है। इस टेस्ट को पास करना काफी कठिन होता है। टेस्ट एक बार में पास करने की दर 20 फीसदी से कम पाई गई है।
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