नई दिल्ली:- लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आने के बाद PM मोदी ने कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। पिछले दो लोकसभा चुनावों में बीजेपी को अपने दम पर बहुमत मिली थी लेकिन इस बार उसके बहुमत से 32 कम सांसद जीते हैं।
वहीं भाजपा ने ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा दिया था, लेकिन वह 240 सीटें ही जीत सकी। उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 292 सीटों के साथ बहुमत जरूर प्राप्त हुआ है। लेकिन इस बहुमत में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जदयू का बड़ा योगदान है। दोनों दलों ने क्रमश: 16 और 12 सीटें जीती हैं।
2004 के बाद पहली बार चुनावी प्रक्रिया में स्वयंसेवक निष्क्रिय दिखे। RSS से दूरी भाजपा को भारी पड़ गई। बता दे शुरुआत के पांच चरणों में संघ के अलग-अलग स्तर के पदाधिकारियों ने चुनाव को लेकर कोई मीटिंग ही नहीं की और स्वयंसेवकों को कोई मेसेज ही नहीं गया कि उन्हें काम करना है। लेकिन पांचवें दौर की वोटिंग के बाद संघ की एक मीटिंग बुलाई गई और आगे काम करने के लिए बातचीत भी हुई। लेकिन छठे दौर की वोटिंग से पहले फिर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का बयान आ गया कि बीजेपी को पहले संघ की जरूरत होती थी लेकिन अब बीजेपी सक्षम हो गई है। सूत्रों की मानें तो यह बयान संघ के भीतर चर्चा में रहा और इसका असर ये हुआ कि संघ के स्वयंसेवक फिर एक्टिव नहीं हुए।