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डब्ल्यूएचओ ने कहा कोरोना ने वर्षों की मेहनत पर फेर दिया पानी

नई दिल्ली:-चार साल से अधिक समय से वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम बनी हुई है। इस साल की शुरुआत में कोरोना के मामले स्थिर थे, हालांकि नए वैरिएंट्स के कारण एक बार फिर से संक्रमण के मामलों में उछाल देखा जा रहा है।

हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका, सिंगापुर, भारत सहित कई देश इन दिनों कोरोना के नए वैरिएंट FLiRT (KP.1 और KP.2) की चपेट में हैं। सिंगापुर फिलहाल नए कोरोना वैरिएंट से सबसे ज्यादा प्रभावित देश हैं।

जीवन प्रत्याशा में आई कमी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी हालिया रिपोर्ट में महामारी के कारण लाइफ एक्सपेक्टेंसी में आई कमी को लेकर चिंता जाहिर की है। रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा कोविड-19 के कारण वैश्विक जीवन प्रत्याशा में लगभग दो साल की कमी आ गई है। जीवन प्रत्याशा या लाइफ एक्सपेक्टेंसी उन अतिरिक्त वर्षों की औसत संख्या का अनुमान है जो एक निश्चित आयु का व्यक्ति जीने की उम्मीद कर सकता है।

कोविड-19 के कारण वैश्विक जीवन प्रत्याशा अब 1.8 वर्ष गिरकर 71.4 वर्ष रह गई है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि ये आंकड़े वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।

भारत में कोरोना के आंकड़े

वर्ल्डोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में कोरोना से दूसरा सबसे प्रभावित देश भारत है। यहां अब तक 45,035,393 लोगों में संक्रमण की पहचान की गई जबकि मृतकों की संख्या 5.33 लाख से अधिक की थी। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित शीर्ष पांच देशों में अमेरिका, भारत के अलावा फ्रांस, जर्मनी और ब्राजील शामिल हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने सभी लोगों को कोरोना से बचाव को लेकर लगातार प्रयास करते रहने की सलाह दी है।

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