नई दिल्ली:- लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के प्रचार अभियान के आखिरी दिन यानी 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र तमिलनाडु के कन्याकुमारी की आध्यात्मिक यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी यहां 1 जून तक ठहरेंगे।
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाएंगे और उसी स्थान पर मेडिटेशन करेंगे जहां स्वामी विवेकानंद ने मेडिटेशन किया था। इस जगह का नाम ध्यान मंडपम है, प्रधानमंत्री मोदी यहां 30 मई की शाम से लेकर 1 जून की शाम तक रह कर ध्यान करेंगे।
30 मई को आखिरी चरण के चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। इस दिन प्रधानमंत्री की व्यस्त दिनचर्या है। इस दिन पीएम मोदी का पंजाब में जनसभा को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है। इसके बाद वो तमिलनाडु के लिए रवाना हो जाएंगे। 1 जून को देश की 57 लोकसभा सीटों पर मतदान किया जाना है। इससे पहले दोनों लोकसभा चुनाव के समय भी उन्होंने आध्यत्मिक यात्रा की थी।
क्या है कन्याकुमारी की आध्यात्मिक अहमियत?
कन्याकुमारी स्वामी विवेकानंद के जीवन में काफी अहम स्थान रखता है, यहां उन्होंने भारत माता का विजन देखा था। यहां का रॉक स्वामी विवेकानंद की जिंदगी का हिस्सा है। लोगों में सारनाथ को लेकर गहरी आस्था है. गौतम बुद्ध के जीवन में इस स्थान का विशेष महत्व है। देश भर में भ्रमण के बाद वो यहीं पहुंचे थे। यहां तीन दिनों तक तपस्या की और विकसित भारत का सपना देखा। अब प्रधानमंत्री मोदी ने उसी स्थान पर ध्यान करना और स्वामी विवेकानंद के विकसित भारत को साकार करने की प्रतिबद्धता दिखाई है।
कन्याकुमारी का भौगोलिक महत्व भी समझें
भौगोलिक तौर पर भी कन्याकुमारी की खासी अहमियत है। यह भारत का ऐसा दक्षिणी छोर है जहां देश की पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती हैं। यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदू भी है। इस स्थान पर जाना पीएम मोदी देश को एक प्रकार से राष्ट्रीय एकता का संकेत देना भी है।
प्रधानमंत्री मोदी सारे चुनाव खत्म होने के बाद यहां जा रहे हैं। यह यात्रा तमिलनाडु को लेकर प्रधानमंत्री के दिल में गहरी प्रतिबद्धता और प्रेम को भी दर्शाती है।
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