Dastak Hindustan

सुप्रीम कोर्ट: वायु प्रदूषण पर फटकार के बाद केंद्र ने टास्क फोर्स गठित की, ओमिक्रॉन का हवाला दे दिल्ली सरकार ने निर्माण के लिए मांगी अनुमति

दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है। प्रदूषण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से 24 घंटे के भीतर योजना बताने को कहा है।आज फिर इस मामले पर सुनवाई होगी। वहीं, सुनवाई से पहले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने शीर्ष कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि उन्होंने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के अपने निर्देशों के अनुपालन की निगरानी के लिए एक इंफोर्समेंट टास्क फोर्स का गठन किया है। 17 सदस्यीय फ्लाइंग टास्क फोर्स बनाई गई हैं। यह टास्क फोर्स हर शाम 6 बजे रिपोर्ट लेगी। केंद्र सरकार की इस पहल पर सुप्रीम कोर्ट ने संतोष जताया है।वहीं, दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर शहर के अस्पतालों में निर्माण कार्यों की अनुमति मांगी है। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में दिल्ली सरकार ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए कुछ पुराने अस्पतालों में बुनियादी ढांचे तैयार करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा सात नए अस्पतालों का भी निर्माण कार्य चल रहा था, लेकिन प्रदूषण बढ़ने के कारण निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई थी। इस बीच फिर से कोरोना के नए वैरिएंट ने दहशत का माहौल बना दिया है। ऐसे में दिल्ली के अस्पतालों स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना जरूरी हो गया है। शीर्ष अदालत से निर्माण कार्यों की अनुमति देने का आग्रह करते हैं।

CJI ने यूपी सरकार पर ली चुटकी
वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उद्योगों के बंद होने से राज्य में गन्ना और दूध उद्योग प्रभावित होंगे और राज्य पीछे चला जाएगा। राज्य सरकार ने कहा कि प्रदूषित हवा ज्यादातर पाकिस्तान से आ रही है। इस पर सीजेआई एनवी रमण ने चुटकी ली। मुख्य न्यायाधीश रमण ने कहा कि तो आप पाकिस्तान में उद्योगों पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं!

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *