खेल:- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने मार्च में सोनीपत में हुए ट्रायल के दौरान डोप सैंपल नहीं देने के लिए टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।
बजरंग ने सोनीपत में आयोजित ट्रायल के दौरान अपने यूरिन सैंपल देने से इनकार कर दिया था, जब वह रोहित कुमार से हार गए थे और परिसर से बाहर चले गए थे। वहीं, अब पूनिया का भी इसपर रिएक्शन आया है। उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी NADA को सैंपल देने से मना नहीं किया था।
पूनिया ने बाहर होने के बाद गुस्से में यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्र छोड़ दिया। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) के अधिकारियों ने पूनिया से डोप टेस्ट के लिए नमूना लेने की कोशिश की लेकिन वह तीसरे-चौथे स्थान के मुकाबले से भी पीछे नहीं रहे। पुनिया ने ट्रायल की तैयारी के लिए रूस में प्रशिक्षण लिया था, जो आईओए तदर्थ पैनल द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
किसी भी ट्रायल में नहीं ले सकेंगे भाग
मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि पुनिया तब तक किसी भी टूर्नामेंट या ट्रायल में भाग नहीं ले पाएंगे, जब तक उनका निलंबन नहीं हट जाता और अगर सुनवाई के दौरान आरोप बरकरार रहे तो उन्हें ओलंपिक के लिए आगामी ट्रायल में भाग लेने से भी रोका जा सकता है। हालांकि, भारत में क्वालीफिकेशन मैच हारने के बावजूद, बजरंग को 65 किग्रा वर्ग के विजेता को चुनौती देने के लिए 31 मई को विश्व क्वालीफायर में ट्रायल के लिए आमंत्रित किया जा सकता है क्योंकि वह टोक्यो ओलंपिक में पदक विजेता थे।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 10 मार्च को NADA ने बजरंग से अपना सैंपल देने को कहा, लेकिन बजरंग ने सैंपल देने से इनकार कर दिया। NADA को विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) को बताना था कि एक एथलीट ने अपना सैंपल क्यों नहीं दिया। इस दौरान WADA और NADA के बीच लंबी बातचीत हुई और इसके बाद WADA ने NADA से कहा कि वह खिलाड़ी को नोटिस जारी कर बताए कि उसने टेस्ट से इनकार क्यों किया। 23 अप्रैल को NADA ने बजरंग पुनिया को नोटिस जारी कर 7 मई तक जवाब देने को कहा था। बजरंग ने अभी तक जवाब नहीं दिया है और इसलिए उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
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