देहरादून (उत्तराखंड):- उत्तराखंड के जंगल लगातार जल रहे हैं। गर्मी का मौसम शुरू होते ही पहाड़ी राज्य में जंगलों की आग भड़कने लगी है। वनाग्नि की घटनाएं बढ़कर 373 हुई है जिससे वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है। कर्णप्रयाग में गौचर के सामने सारी गांव के जंगलो में शनिवार देर रात से आग लगी है। आग के चलते कई हेक्टेयर जंगल जल कर राख हो चुके है। आग पर काबू पाने में अभी भी पूरी कामयाबी नहीं मिल पाई है।
प्रदेश में 15 फरवरी से अभी तक 300 से अधिक घटनाएं जंगल में आग लगने की हो चुकी हैं। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के डेटा के मुताबिक पिछले साल में इसी समयसीमा के दौरान जंगल में आग लगने की 85 घटनाएं सामने आई थी। आग लगने की घटना में 300 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
ऑफिसर निशांत वर्मा ने बताया कि तापमान में बढ़ोत्तरी और सूखा पड़ने की वजह से जंगल में आग लगने की घटना में तेजी बढ़ रही है। कृषि अपशिष्ट का जलाया जाना भी एक अहम वजह है। समीक्षा बैठक में अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है। सुरक्षा बरतते हुए ग्रामीणों को भी जागरूक रखने का अभियान चलाया जा रहा है।
उत्तराखंड में 38 हजार स्क्वैयर किलोमीटर का जंगल है। यह राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 71 फीसदी हिस्सा है। अधिकारियों के अनुसार जंगल के पास इंसानों की बढ़ती बसावट की वजह से भी आग की घटनाएं अधिक हुई हैं। आग की घटनाओं से वन्यजीव और बायोडायवर्सिटी पर भी बुरा असर पड़ रहा है। अभी हाल में ही देवप्रयाग पौड़ी रोड पर भी जंगल में आग लग गई। बढ़ती गर्मी और पहाड़ी एरिया होने की वजह से जंगल में आग लग रही है।