गोरखपुर: बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के कार्यों का सुचारू रूप से संपन्न के कार्य के प्रयासों को अफसरों की लापरवाही ही परवान नहीं चढ़ने दे रही है। आलम यह है कि सोमवार एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो गया, लेकिन किताबें अब तक नहीं आई हैं। अगली कक्षा में प्रवेश पाए बच्चों को पिछले सत्र की पुस्तकें बांटकर शिक्षकों ने वाहवाही बटोरी। मई में ग्रीष्म अवकाश के चलते स्कूलों में अवकाश हो जाती है। इस तरह अब नई किताबें जुलाई-अगस्त में ही बंटने की संभावना है। हालांकि विभागीय अफसरों का दावा है कि एक महीने में किताबें आ जाएंगी।
प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले उपयुक्त बनाए जा रहे बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का सत्र भी अब एक अप्रैल से शुरू हो रहा है। हर साल की तरह इस बार भी दावा किया गया था कि नए सत्र में सभी किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। सोमवार को जिले के सभी परिषदीय विद्यालय खुलते ही बच्चों का आना शुरू हो गया। पिछली कक्षा पास कर अगली कक्षा में बच्चों ने प्रवेश लिया,वहीं कुछ नन्हे बच्चे अभिभावकों के साथ कक्षा एक में प्रवेश के लिए आए। बच्चों का दाखिला लेकर उन्हें कक्षा में भेजा गया। लेकिन,विद्यालयों में नई पुस्तकें नहीं होने के कारण पिछले सत्र की किताबों के साथ शिक्षण का काम शुरू किया गया।
शिक्षकों का कहना है कि हर वर्ष किताबों के बांटने में लेट होता है। जुलाई तक बच्चों के हाथों में नई किताबें आती हैं। इस कारण पहले ही बच्चों से बीते सत्र की किताबों को लेकर रख लिया जाता है। नया सत्र शुरू होने पर उन्हीं पुरानी किताबों से नए
किताबें छप कर आ चुकी हैं। उनका सत्यापन भी हो चुका है। इस माह के आखरी सप्ताह तक विद्यालयों में किताबें पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि किताब मिलने में किसी तरह की दिक्कत आने पर सूचित करें, उनकी समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा।
बच्चों को किया गया स्वागत
कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय जंगल शालीग्राम में प्रवेश उत्सव मनाया गया। नए सत्र में प्रवेश करने वाले बच्चों का स्वागत तिलक व आरती से किया गया। प्रधानाचार्य सुधा मिश्रा,शिक्षिका शकुंतला विश्वकर्मा,नंदनी श्रीवास्तव,प्रीति श्रीवास्तव,कात्यायनी मिश्रा ने बच्चों को कक्षा में बैठाया और पढ़ने के लिए पुस्तकें दीं।
ऐसी ही अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें