Dastak Hindustan

जमुई से जीजा अरुण को क्यों थमाई चुनावी बागडोर? चिराग पासवान ने खुद ही बयां किया सबकुछ

पटना : चिराग पासवान ने इस बार जमई सीट से लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया। चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट से और अपने जीजा अरुण कुमार भारती को अपनी जमुई सीट से प्रतिनिधि बना दिया। इस पर सवाल उठने लगा कि पीएम नरेंद्र मोदी परिवारवाद का विरोध करते हैं तो ‘मोदी के हनुमान’ ने अपने जीजा को टिकट क्यों दिया?

बिहार के एनडीए गठबंधन की सीट बंटवारे की समस्या का निवारण हो चुका है। एनडीए प्रत्याशी अब चुनावी तैयारी में लगे हुए हैं। वहीं कुछ एनडीए प्रत्याशियों ने पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन कर दिया है। हालांकि बिहार एनडीए में भी सीटों का बंटवारा आसान नहीं था,लेकिन पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एलजेपी रामविलास प्रमुख चिराग पासवान की बैठक के बाद सबकुछ ठीक हो गया। खुद को ‘मोदी का हनुमान’ कहने वाले चिराग पासवान ने इस बार जुमई सीट से लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया। चिराग ने खुद हाजीपुर सीट से और अपने जीजा अरुण कुमार भारती को अपनी जमुई सीट से प्रत्याशी बना दिया। इस पर सवाल उठने लगा कि पीएम नरेंद्र मोदी परिवारवाद का विरोध करते हैं तो ‘मोदी के हनुमान’ ने अपने जीजा को टिकट क्यों दिया? अब इस सवाल का जवाब खुद चिराग पासवान ने एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए दिया।चिराग ने बताया- हाजीपुर से चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया।

चिराग पासवान ने कहा कि ‘मेरे सामने दो समस्याएं थी। एक मेरे पिता की कर्मभूमि की उत्तरदायित्व,जो उनके जाने के बाद एक पुत्र होने के नाते मुझे लेना चाहिए।और दूसरी मेरी कर्मभूमि जमुई की उत्तरदायुत्व किसे दूं। एक फैसला बहुत आसानी से हो गया कि बेटा होने के नाते मैं हाजीपुर जाऊंगा और अपने पिता के अधूरे कामों को पूरा करने की उत्तरदायुत्व अपने कंधों पर लूंगा। मेरे पिता ने हाजीपुर को मां का दर्जा दिया था, तो मेरा हाजीपुर से एक अलग रिश्ता है। जब मैं राजनीति में नहीं था,तब भी पिता जी के साथ हाजीपुर जाता था।

जमुई से जीजा को क्यों बनाया उम्मीदवार?

लोजपा रामविलास अध्यक्ष ने कहा कि ‘जमुई के साथ मैंने पिछले 10 साल में रिश्ता बनाया है। अगर मैं जमुई में नहीं हूं तो कोई भी और शायद उस भावना को नहीं समझ पाएगा, जिस भावना से मैं जमुईवासियों से जुड़ा हुआ हूं। ऐसे में, मेरे परिवार को कोई अपना ही जमुई को वो प्यार,वो इज्जत और वो सम्मान दे सकता था,जो मैं हमेशा से देता आया हूं या मैं जो देना चाहता हूं। ऐसे में इसके लिए मेरी बहन और जीजा जी से बेहतर और कौन हो सकता था?’चिराग ने कहा कि उम्मीद है कि अरुण भारती उनसे बेहतर जमुई के सांसद होंगे।

ऐसी ही अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *