नई दिल्ली: “इंटरवल” का लक्ष्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में पॉजिटिव सोच लाना है कंपनी तकनीक और नवीनता का इस्तेमाल कर शिक्षा को सुलभ, सक्षम और व्यक्तिगत बनाने का कोशिश कर रही है।
शिक्षा के क्षेत्र में निजीकरण को लेकर काफी जंग छिड़ी हुई है। कुछ लोगों का मानना है कि निजीकरण से शिक्षा महंगी हो जाएगी और गरीब वर्ग के बच्चों की पहुंच इससे दूर हो जाएगी।वहीं दूसरी तरफ, कुछ लोग यह तर्क देते हैं कि निजी क्षेत्र नवीनता लाकर शिक्षा प्रणाली को बेहतर बना सकता है। केरल का एडटेक स्टार्टअप “इंटरवल” इस बहस में एक उम्मीद की किरण बनकर उभरा है।
कम पैसे में मिलेगी गुणवत्ता वाली शिक्षा
“इंटरवल” का लक्ष्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाना है। कंपनी तकनीक और नवीनता का इस्तेमाल कर शिक्षा को सुलभ, सक्षम और व्यक्तिगत बनाने का प्रयास कर रही है। कंपनी के पाठ्यक्रम वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित होते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि बच्चे को वास्तव में सीखने में मदद मिले। परंपरागत शिक्षा प्रणाली में अक्सर यह देखने को मिलता है कि एक कक्षा में दर्जनों बच्चे होते हैं, जिससे हर बच्चे को उचित ध्यान देना मुश्किल हो जाता है।
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