Dastak Hindustan

ज़रूरत पड़ी तो हम बदलाव के लिए तैयार है, अग्निवीर भर्ती योजना पर राजनाथ सिंह का बड़ा बयान

नई दिल्ली:- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दो टूक शब्दों में कहा कि भारत और इसकी सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित है। देश के नागरिकों को सशस्त्र बलों पर पूरा भरोसा होना चाहिए। अग्निवीर योजना की आलोचना पर एक सवाल का जवाब में राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे सवालों का कोई औचित्य ही नहीं है।

हालांकि उन्होंने कहा कि अगर आवश्यक हुआ तो उनकी सरकार अग्निवीर भर्ती योजना में परिवर्तन करने के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित रहे। सेना में युवावस्था होनी चाहिए। मुझे लगता है कि युवा अधिक उत्साही हैं, वे अधिक तकनीक प्रेमी हैं। हमने इस बात का उचित ध्यान रखा है कि उनका भविष्य भी सुरक्षित हो, जरूरत पड़ी तो बदलाव भी करेंगे। युवा प्रोफाइल के लिए हर कोई स्वीकार करेगा कि सशस्त्र बलों को ऐसा करना चाहिए।

कुछ मुद्दों पर सार्वजनिक नहीं बोला जा सकता- राजनाथ सिंह

दिल्ली में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी लगभग 50 साल लंबी राजनीतिक यात्रा के किस्से भी साझा किए। भारत-चीन सीमा मुद्दे पर विपक्ष के नेताओं के सदस्यों समेत कई लोगों द्वारा उठाए गए सवालों पर उन्होंने कहा कि जो देश के हित में है वो मैं सब विपक्ष के साथ साझा करता हूं लेकिन कुछ चीजें है जिनका रणनीतिक महत्व है और हम उन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं बता सकते हैं। कुछ मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से बोलने से बचने की कोशिश करता हूं।

हमारी सेना और सुरक्षा कर्मियों पर पूरा भरोसा- राजनाथ सिंह

सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं देश के हर नागरिक को आश्वास्त करना चाहता हूं कि उन्हें हमारी सेना और सुरक्षा कर्मियों पर पूरा भरोसा होना चाहिए। पूर्वी लद्दाख में के कुछ इलाकों पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच साढ़े तीन साल से अधिक समय से टकराव चल रहा है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है।

क्या है मामला

एक निजी कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पांच साल तक रक्षा मंत्री और उससे पहले गृह मंत्री रहने के दौरान, मैंने जो देखा, समझा और आकलन किया है, उसके आधार पर मैं सभी से कह रहा हूं कि हमारी सीमाएं सुरक्षित हाथों में है। गौरतलब है कि पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पैदा हो गया। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई, जो दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।

ऐसी अन्य खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *