हिमाचल:गुरुवार को मीडिया से वार्तालाप करते हुए राज्यपाल बोले – तीनों निर्दलियों ने पहले त्यागपत्र विधानसभा सचिव को दिया और उसके बाद अध्यक्ष को भी व्यक्तिगत तौर पर त्यागपत्र मिलकर दिया। जो इस्तीफा अध्यक्ष को दिया गया है, उसकी एक प्रति तीनों निर्दलियों ने मुझे भी दी है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि तीन निर्दलीय विधायकों के त्यागपत्र मंजूर करने के मामले पर वह कोई निर्देश लागू नहीं कर सकते हैं, वह केवल मशवरा ही दे सकते हैं, क्योंकि यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र का मामला है। तीनों निर्दलीय विधायकों को भी उन्होंने यही कहा है कि यह केवल विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार क्षेत्र है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल बोले – तीनों निर्दलियों ने पहले त्यागपत्र विधानसभा सचिव को दिया और उसके बाद अध्यक्ष को भी व्यक्तिगत तौर पर त्यागपत्र मिलकर दिया। जो त्यागपत्र अध्यक्ष को दिया गया है, उसकी एक प्रति तीनों निर्दलियों ने मुझे भी दी है।
इसलिए ही इसे मैंने स्वीकार कर भेजा है और इसमें मध्य प्रदेश और कर्नाटक के मामलों का भी उल्लेख किया है कि वहां पर सुप्रीम कोर्ट से इस तरह के निर्णय आए हैं कि इस्तीफे तुरंत स्वीकार किए जाएं। अगर विधायक व्यक्तिगत तौर पर स्पीकर को त्यागपत्र सौंपते हैं तो यह मंजूर किए जाने चाहिए।
उनके ध्यान में अदालत के फैसले लाए गए हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर वह केवल सलाह ही दे सकते हैं। उनका कोई भी सांविधानिक अधिकार नहीं है। यदि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से असंतोष है तो वे अदालत जा सकते हैं। उन्हें इस बात का संतोष है कि स्पीकर ने उन्हें जवाब भी भेजा है, जिसमें कुछ बातें की हैं। पर न्यायालय के फैसलों को देखते हुए वह यह मानते हैं कि यह त्यागपत्र स्वीकार किए जाने चाहिए।
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