नई दिल्ली:- इलेक्टोरल बॉन्ड पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, “भाजपा सरकार ने निजी कंपनियों का इस्तेमाल किया। इस घोटाले के 4 रास्ते थे। पहला था, ‘चंदा दो धंधा लो’ यह प्रीपेड है। दूसरा तरीका है ‘ठेका लो घुस दो’, जो कि पोस्टपेड है, पहले आपको कॉन्ट्रैक्ट मिलता है और फिर आप रिश्वत देते हैं, तीसरा तरीका है छापेमारी, पहले कंपनियों के पास ED-CBI भेजी जाती है और उनसे बचने के लिए ये कंपनियां इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदती हैं।
हमारे युवा साथियों ने सिर्फ 5 लाइन का एक कम्यूटर कोड लिखा है। जिससे सिर्फ 15 सेकण्ड में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मांगी गई इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी हमारे सामने आ गई। इसी जानकारी को देने के लिए SBI ने 30 जून तक का समय मांगा था, इससे साफ है कि मोदी सरकार ये जानकारी बाहर नहीं लाना चाहती थी।
कांग्रेस निजी निवेश के खिलाफ नहीं है, हम निजी निवेश के पक्ष में हैं। निजी निवेश के बिना आर्थिक विकास नहीं हो सकता।लेकिन मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सिर्फ प्राइवेट कंपनियों का इस्तेमाल किया है।
पीएम मोदी के घोटाले के 4 रास्ते थे
1. चंदा दो-धंधा लो
2. हफ्ता वसूली
3. कॉन्ट्रैक्ट लो-रिश्वत दो
4. शेल कंपनी बनाओ और चंदा देते जाओ
मोदी सरकार की नीति है-
चंदादाताओं का सम्मान
अन्नदाताओं का अपमान
पीएम मोदी MSP को कानूनी दर्जा नहीं देना चाहते, लेकिन उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए रिश्वत को कानूनी दर्जा दे दिया है।