नई दिल्ली :- स्कूटरों के बाद अब इलेक्ट्रिक बसें भारत का अगला बड़ा फोकस हैं। ऑटो कंपनी इस रेस में तेजी से शामिल हो रहे हैं। हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड लिमिटेड ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों के लिए एक मैन्युफैक्चरर प्लांट की शुरुआत की। चेन्नई स्थित कंपनी का कहना है कि इस सुविधा की शुरुआती क्षमता 2,500 वाहनों की होगी और अगले दशक में प्रोडक्शन बढ़कर 5,000 सालाना हो जाएगा। इसे 2025 के अंत तक परिचालन शुरू करने के लिए तैयार होना चाहिए।
क्या है कंपनी की योजना?
अशोक लीलैंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शेनु अग्रवाल ने कहा, “प्राथमिक ध्यान इलेक्ट्रिक बसों के प्रोडक्शन पर होगा, साथ ही मौजूदा और अन्य उभरते वैकल्पिक ईंधन द्वारा संचालित अन्य वाहनों का उत्पादन करने की क्षमता भी होगी।” उन्होंने अशोक लीलैंड की ईवी ब्रांच के संदर्भ में कहा, “हम इस प्लांट से अशोक लीलैंड और स्विच मोबिलिटी दोनों के लिए उत्पाद बनाएंगे।” इस बीच, टाटा मोटर्स लिमिटेड की यूनिट टीएमएल स्मार्ट सिटी मोबिलिटी सॉल्यूशंस को वित्तीय वर्ष 2025 तक सड़कों पर 3,300 ई-बसें उतारने की उम्मीद है। ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड, जिसकी चीन की बीवाईडी कंपनी के साथ साझेदारी है। यह एक नए ई-बस प्लांट का निर्माण कर रही है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, जुलाई में उत्पादन शुरू होने का अनुमान है। इसका इरादा वित्तीय वर्ष 2025 तक कम से कम 2,500 ई-बसें वितरित करने का है।