जालना (महाराष्ट्र):- मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने अपना 17 दिन का लंबा उपवास आज दोपहर को तोड़ा। उन्होंने कहा, ”मैं एक या दो दिन अस्पताल में रहूंगा और फिर मराठा समुदाय के सदस्यों से मिलने के लिए प्रत्येक गांव का दौरा करूंगा।”
कुछ दिनों पहले मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने कहा था कि कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देने में अगर सरकार की ओर से देरी की गई तो वे फिर से 10 फरवरी से आमरण अनशन शुरू करेंगे। जारांगे पाटिल ने कहा कि अगर मराठा समाज को एकमुश्त कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देना शुरु नहीं किया गया तो वो ओबीसी समाज को मिल रहे 27 फीसदी आरक्षण को कोर्ट में चैलेंज करेंगे।
हालांकि राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष ने कहा,” ओबीसी आरक्षण मंडल आयोग के माध्यम से मिला है जिसे रद्द नहीं किया जा सकता. मनोज जारांगे को कानून का ज्ञान नहीं है, इसीलिए वे इस तरह की बात कर रहे हैं, इससे ओबीसी समाज को घबराने की जरुरत नहीं है।”