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गरीब की थाली के रखवाले : 18 महीने से 14.86 करोड़ लोगों को 10 किग्रा मुफ्त राशन दे रही है मोदी-योगी सरकार

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तकनीक की मदद :पारदर्शिता लाने के लिये सरकार उठा रही हैं और कदम :-


केंद्र सरकार द्वारा 26 मार्च 2020 को 21 दिन के लॉकडाउन के बाद इस उद्देश्य के साथ कि कोरोना काल में बन्दी के कारण कोई भो भूँखा न रहे , प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की गयी।देश के सभी नागरिकों को भोजन मिले इसलिये गरीबों और वंचितों को राशन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1.70 लाख करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गयी. देश मे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ 80 करोड़ लाभार्थियों को मिला. विश्व में भारत एक मात्र एसा देश था जो करोना काल में अपने नागरिकों को राशन उपलब्ध कराने के लिये इतनी बड़ी योजना का सफल क्रियान्वन कर पाया.

इस योजना के क्रियान्वन में उतर प्रदेश सबसे आगे रहा। लगभग 23 करोड़ की जनसंख्या वाले प्रदेश में कोरोना काल में 14 करोड़ 86 लाख लोगों को राष्ट्रीय खाद्द सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगातार 18 महीने तक, प्रति व्यक्ति 10 किग्रा. राशन दिया गया जो अपने आप में एक विश्व कीर्तिमान है. इससे प्रदेश के किसी भी नागरिक को भूखमरी का शिकार नहीं होना पड़ा और कोरोना काल में भूख से एक भी मौत नहीं हुई. कोरोना काल में बड़े शहरों से लौटे प्रवासी मजदूरों,बेरोजगारों और निराश्रितों के लिये 25.40 लाख नये राशन कार्ड बनाये गये। 8000 दिव्यांग और जिनका कोई सहारा नहीं था ,एसे व्यक्तियों को चिन्हित करके प्रशासन के लोगों ने पीपीई किट पहनकर इनके दरवाजे तक राशन पुहंचाया।इस कठिन काल में भी पारदर्शिता बनाने औऱ भ्रष्टाचार को दूर रखने के लिये उतर प्रदेश में राशन का वितरण इंटरनेट तकनीक और बायोमैट्रिक के माध्यम से किया गया.।प्रदेश में कुल 3559 प्वाइंट आफ सेल(ई-पाज) सेंटरों से राशन का वितरण किया गया जिसके कारण बिचौलियों,बेईमान कोटेदारों और फर्जी राशन कार्ड धारक धराशायी हो गये और प्रदेश सरकार ने कुल 3559 करोड़ रुपये की सब्सिडी की बचत की ।इस कार्य के लिये केंद्र सरकार ने ‘ई-गवर्नेंस में उत्कृष्ट प्रदर्शन’ के लिए योगी सरकार को 18वें सीएसआई-एसआईजी ई-गवर्नेंस अवार्ड्स 2020 से सम्मानित भी किया।

गरीब को राशन तो मिल ही रहा है साथ ही गरीब की थाली के रखवालों की कोशिश है कि इस सिस्टम को तकनीक और नयी सुविधायें देकर और मजबूत तथा जनप्रिय बनाया जाय।इस दिशा में उठाये गये कुछ नए कदम इस प्रकार है:

तेल,दाल और नमक भी मुफ्त में परोसा जायेगा गरीब की थाली में

केंद्र सरकार के नेतृत्व में उतर प्रदेश की योगी सरकार कुकिंग ऑयल ,दाल और नमक फ्री देने की घोषणा की है।योगी सरकार ने मुफ्त राशन देने के अलावा दिसंबर से अगले चार महीने तक कुकिंग ऑयल ,दाल और नमक भी राशनकार्ड धारकों को मुफ्त में देने का ऐलान किया है।सरकार का मानना है कि कोरोना ने लोगों की कमाई पर काफी विपरीत असर डाला है ।इस नई घोषणा से लोगों को राहत मिलेगी।राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की नई घोषणा से लोग खुशी का इजहार कर रहे हैं। राज्य सरकार ने 1 किलो नमक, 1 लीटर सरसों या फिर रिफाइंड तेल,दाल और 1 किलो नमक हर परिवार को देने की घोषणा की है जो अगले महीने यानी दिसंबर से मार्च 2022 तक मिलेगा।इसके साथ ही 5 किलो चावल और गेहूं भी फ्री मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल से लगभग 15 करोड़ लोगों को सरकार की इस नई योजना से लाभ मिलेगा।

राशन में गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम

एफसीआई यानी फ़ूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने राशन में गड़बड़ी को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है।जिसके लिए एफसीआई के गोदामो में स्टोर चावल की केमिकल की मदद से जांच की जा रही है।एक खास केमिकल के इस्तेमाल से जांच में ये पता लगाया जा रहा है कि गोदामो तक आने वाला चावल नया है फिर पुराना। ये जांच कुछ सेकंड में हो जाती है।अगर चावल नया है तो जांच में केमकल का कलर ग्रीन हो होगा और पुराना है तो पीले कलर का दिखेगा।एफसीआई के मुताबिक इस पहल से राशन कार्ड धारकों को चावल के वितरण में गड़बड़ी की आशंका को रोकने मदद मिली है।पहले इस तरह की कई शिकायतें आती थी कि सरकारी राशन की दुकानों से चावल की सप्लाई के बाद वही वापस गोदामो में आ जाता था। अब ऐसा संभव नहीं हो सकेगा ।अब जांच में ये पता लगाना आसान हो गया है कि चावल नया है या फिर पुराना।

Figure 1एफएसडी तालकटोरा में राशन गड़बड़ी जांचने का टेस्ट करती हुई अधिकारी

अनाज की बर्बादी रोकने के लिए उठाये जा रहे हैं कारगर कदम

उत्तर प्रदेश में एफसीआई यानी फ़ूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया 55 साइलो बनाने जा रहा है।माना जा रहा है कि जिसके बाद न सिर्फ अनाज की बर्बादी को रोका जा सकेगा बल्कि लंबे समय तक गोदाम में सुरक्षित भी रहेगा। एफसीआई उत्तर प्रदेश के जनरल मैनेजर रजत शर्मा ने बताया कि पांच लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाले 11 साइलो अगले साल फरवरी तक तैयार हो जाएंगे।बाकी को 2024 तक तैयार करने का लक्ष्य है।साइलो स्टोरेज एक विशाल स्टील का ढाँचा होता है जिसमें बड़ी मात्रा में गेंहू या चावल स्टोर किया जाता है। इसमें कई विशाल बेलनाकार टैंक होते हैं। नमी और तापमान से प्रभावित हुए बिना इनमें अनाज लंबे समय तक सुरक्षित रहता है। साइलो में रेलवे साइडिंग के जरिये बड़ी मात्रा में अनाज की लोडिंग या फिर अनलोडिंग की जा सकती है। इससे भंडारण और परिवहन के दौरान होने वाले अनाज के नुकसान में भी काफी कमी आएगी।कनाडा की तकनीक पर बड़े भंडार गृह बनने के बाद उत्तर प्रदेश में हर साल लाखों टन अनाज की बर्बादी रोका जा सकेगा।साइलो टैंक में बिना बोरी के 10 साल तक अनाज सुरक्षित रखा जा सकता है।अभी अनाज भंडारण की क्षमता कम होने की वजह से अनाज को टीन शेड या फिर कई जगह पॉलिथीन पन्नी से ढककर भी रखना पड़ता है। खुले में स्टोर होने की वजह से हर साल बड़ी मात्रा में खाद्यान खराब भी हो जाता है।अनाज को स्टोर करने की जगह की दिक्कत होने की वजह से बफर स्टाक बढ़ाने में भी समस्याएं आती हैं।लेकिन माना जा रहा है कि साइलो बनने के बाद न सिर्फ अनाज लंबे समय तक स्टोर किया जाएगा बल्कि इसकी बर्बादी भी रुकेगी।

Figure 2एफएसडी तालकटोरा के साइलों की तस्वीरें

वन नेशन वन राशन कार्ड से बन रही बात

खाद्य विभाग की टीमें गांवों में जाकर इस बात का पता लगा रही हैं कि दूसरे राज्यों के राशनकार्ड धारकों को राशन मिल पा रहा है या नहीं।एक टीम उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में भी पहुची।यहां 18 ऐसे लोग हैं जिनका राशनकार्ड दूसरे राज्यों का है और पाया गया कि यहां उन्हें राशन यहां मिल रहा है।कोरोनाकाल मे केंद्र सरकार की यह योजना बरदान साबित हुई।उत्तर प्रदेश में 12883 दूसरे राज्यों के राशन कार्डधारकों को सरकारी दुकान से राशन मिल रहा है।केंद्र सरकार की ओर से वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना शुरू होने के बाद कोई भी राशन कार्डधारक पूरे देश में किसी भी स्थान से सरकारी राशन की दुकान से राशन ले सकता है।

Figure 3हरियाणासे आये मजदूरों को हरदोई में मिलती मदद,मुन्नपुरवा गांव की तस्वीर.

डिजिटल मंडियों ने बदल दी किसानों की ज़िंदगी.आधार वैरिफिकेशन ने बदली अनाज क्रय केंद्रों की सूरत, दिक्कतें हुई दूर. जिसका अनाज केवल वही बेच सकेगा मंडी में

बिचैलियों के चंगुल से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश की अनाज मंडियां पूरी तरह डिजिटल कर दी गयी हैं।जिसके बाद से अब किसानों के नाम पर बिचैलियों की मुनाफाखोरी पर रोक लगाने में मदद मिली है।उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी अनाज मंडी शाजहाँपुर में एफसीआई यानी फ़ूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की टीम ने दौरा किया।यहां धान बेचने के लिए आए किसानों ने कहा कि जब से नया सिस्टम लागू हुआ है उन्हें उनके अनाज का सही रेट मिल रहा है और भुगतान सीधे उनके खाते में जारहा है।डिजिटल मंडियां होने के बाद से किसान आसानी से अपनी उपज का सभी ब्यौरा अपलोड कर सकते हैं और इच्छुक खरीदार सीधे किसानों को देख सकते हैं और उनसे बातचीत कर सकते हैं।इसमें बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाती है।इसके अलावा डिजिटल मंडियां आसान ऑनलाइन भुगतान और आसान डिजिटल लेनदेन भी सुनिश्चित कर रही हैं।

Figure 4बायोमैट्रिक की मदद से शाहजहांपुर की रोजा मंडी में धान बेंचते किसान कुलजीत

(डा.एम.एस.यादव,उपनिदेशक(मी.एवं.संचार),सुन्दरम चौरसिया,मीडिया एवं संचार अधिकारी,दोनों ही लेखक पीआईबी के अधिकारी है)

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