लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले ही 27 फरवरी यानी मंगलवार को होने वाले राज्यसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी, जिसमें 10 सीट के लिए भाजपा ने आठ और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं। देश में आम चुनाव से ठीक पहले हो रहे राज्यसभा चुनाव के नतीजों का उत्तर प्रदेश की राजनीति में गहरा प्रभाव पड़ेगा। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के पास सात और तीन सदस्यों को निर्विरोध राज्यसभा भेजने के लिए विधानसभा सदस्यों का पर्याप्त संख्या बल है, लेकिन भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को मैदान में उतारा है, जिससे एक सीट पर कड़ी प्रतिस्पर्धा होने की संभावना है। संजय पहले सपा में थे और 2010 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
कल होगा मतदान और जारी होंगे नतीजे
यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मंगलवार को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिये जायेंगे। 403 सदस्यों की राज्य विधानसभा में भाजपा और सपा दो सबसे बड़े दल हैं जिनकी पास क्रमशः 252 विधायकों और 108 विधायकों की संख्या मौजूद है। तो वहीं सपा की गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के पास बस दो ही सीट हैं। भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास 13, निषाद पार्टी के पास छह, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पास नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के पास छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास दो और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास एक सीट है।
भाजपा और सपा के ये हैं उम्मीदवार
इस तरह से यूपी विधानसभा में चार सीटे खाली हैंं भाजपा ने जिन दिग्गजों को मैदान में उतारा है जिसमें सात अन्य उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री आर पी एन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत (बिंद), पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह और आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन शामिल हैं। सपा ने अभिनेत्री-सांसद जया बच्चन, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व राज्य के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है।