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भारतीय न्याय संहिता 2023, 1 जुलाई 2024 से लागू होंगी

नई दिल्ली:-  भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय न्याय संहिता 2023, 1 जुलाई 2024 से लागू होंगी। केंद्र ने शनिवार को नोटिफिकेशन जारी कर कहा,” भारत के तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे। ये तीन नए कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय न्याय संहिता 2023, 1 जुलाई 2024 हैं। नए कानून शीतकालीन सत्र के दौरान संसद द्वारा पारित किए गए थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को कानूनों पर अपनी सहमति दी थी। राज्यसभा में कानूनों के पास होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि संसद में पारित तीनों विधेयक, अंग्रेजों द्वारा लागू किए गए कानूनों की जगह लेंगे और एक स्वदेशी न्याय प्रणाली का दशकों पुराना सपना साकार होगा।”

भारतीय न्याय संहिता, 2023, को इंडियन पीनल कोड (IPC) 1860 की जगह लाया गया है। इसमें राजद्रोह को हटा दिया गया है। इसके तहत नाबालिगों से सामूहिक बलात्कार और मॉब लिंचिंग के लिए मौत की सजा है। सामुदायिक सेवाओं को पहली बार दंड के रूप में पेश किया गया है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, को CrPC 1973 की जगह लाया गया है। इसके तहक समयबद्ध जांच, सुनवाई और बहस पूरी होने के 30 दिनों के भीतर फैसले का प्रावधान है। यौन उत्पीड़न पीड़ितों के स्टेटमेंट की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य की गई है।

भारतीय साक्ष्य, 2023, को भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह लाया गया है। इसके तहत अदालतों में प्रस्तुत और स्वीकार्य साक्ष्य में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड, ईमेल, सर्वर लॉग, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, लैपटॉप, एसएमएस, वेबसाइट, स्थानीय साक्ष्य, मेल, उपकरणों पर संदेश शामिल होंगे। केस डायरी, एफआईआर, आरोप पत्र और फैसले सहित सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण होगा।

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