नई दिल्ली :-सरकार द्वारा विवादित तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद जहां किसानों में खुशी का माहौल है| वहीं विपक्षी दल इसे किसानों के संघर्ष की जीत बता रहे हैं। केंद्र के इस कदम के बाद अब नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में महीनों तक आंदोलन कर चुके लोगों के मन में भी इन कानूनों की वापसी को लेकर एक नई उम्मीद जगने लगी है। हालांकि, यह इतना आसान नहीं दिखता।केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने शनिवार को कहा कि विपक्ष को प्रधानमंत्री के कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले का स्वागत करना चाहिए। कृषि कानून वापस लेने के बाद विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं है। विपक्ष सोच रहा है कि कृषि कानून वापस हो गए तो CAA-NRC भी वापस हो जाएगा। जो लोग CAA-NRC वापस करने की मांग कर रहे हैं| वे गलतफहमी के शिकार हैं। केंद्रीय कैबिनेट में आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री का पद संभाल रहे कौशल किशोर उत्तर प्रदेश की मोहनलाल गंज सीट से भाजपा सांसद हैं। जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरु पर्व के अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की अचानक घोषणा करने के साथ ही इन कानूनों के फायदे किसानों को नहीं समझा पाने के लिए जनता से माफी मांगी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि तीनों कृषि कानून किसानों के फायदे के लिए थे |लेकिन हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हम किसानों के एक वर्ग को मना नहीं पाए। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों, खासकर छोटे किसानों को सशक्त बनाना था। हालांकि, गाजीपुर में प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने यह साफ कर दिया है कि संसद में कानूनों को निरस्त किए जाने तक विरोध समाप्त नहीं होगा।