नई दिल्ली:- विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली चलो विरोध मार्च कर रहे किसानों के आंदोलन के दौरान अराजकता फैलने पर हरियाणा पुलिस ने शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने ट्रैक्टरों से सीमेंट के बैरिकेड को जबरन हटाया।
बेंगलुरू के किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “जब देश का विपक्ष कमजोर होता है तो देश में तानाशाहों का जन्म होता है। सब राजनीतिक पार्टीयां एक हैं। सत्ता वाले भी और विपक्ष वाले भी। ये अपनी सरकार बचाएं। जब देश का राजा ही ये कह रहा है कि हम 400 सीट जीतेंगे तो फिर देश में चुनाव की जरूरत कहां रह गई? आप इसी चुनाव का नवीकरण कर लीजिए। आप क्यों देश को पागल बना रहे हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “देश में बड़ी पूंजीवाद कंपनिया हैं। उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बना ली है और इस देश पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में दिक्कते आएंगी ही अगर उनके(किसान) साथ कोई अन्याय हुआ। सरकार ने उनके लिए कोई दिक्कत पैदा की तो ना वो किसान हमसे ज्यादा दूर हैं और ना दिल्ली हमसे ज्यादा दूर है।”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “जो कुछ हो रहा है और जिस प्रकार की खबरें आ रही हैं कि आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए और आंदोलन खत्म करने के लिए कीलों के साथ-साथ दीवारें तक खड़ी की गई। प्रशासन के माध्यम से सरकार जो कर सकती थी कर रही है। दिल्ली की सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। ये वही सरकार के लोग हैं जिन्होंने किसानों से कहा कि उनकी आय दोगुनी हो जाएगी, फसल की कीमत मिलेगी, MSP लागू करेंगे।”
कांग्रेस महासचिव(संचार) जयराम रमेश ने कहा, “डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन भारत रत्न थे, हैं और रहेंगे लेकिन बात ये है कि जो सरकार डॉ. स्वामीनाथन को भारत रत्न देती है, चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देती है, वही सरकार किसानों पर इतने अन्याय करती है। किसान संगठनों की तीन या चार मुख्य मांग है। सबसे बड़ी मांग ये है कि जो खेती की लागत का अनुमान किया जाता है वो स्वामीनाथन के दिए हुए फॉर्मुले पर किया जाए और 1.5 गुना खेती की लागत को MSP घोषित किया जाए। MSP की परिभाषा मोदी सेलिंग प्राइस नहीं है।”