नई दिल्ली:- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “दस साल की नाजुक स्थिति में चल रही भारतीय अर्थव्यवस्था को शीर्ष पांच में पहुंचाने के बाद सरकार ने ‘श्वेत पत्र’ मेज पर रख दिया है। यह जिम्मेदारी के साथ दिया गया बयान है। UPA सरकार के हाथों कोयला घोटाले के कारण भारत को भारी नुकसान हुआ। आपने (यूपीए सरकार) कोयले को राख में बदल दिया, लेकिन हमने अपनी नीतियों के माध्यम से कोयले को हीरे में बदल दिया।”
वैश्विक वित्तीय संकट को संभाल नहीं सके और आज इसे कैसे संभालें इस पर भाषण दे रहे हैं। देश के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया गया लेकिन घोटालों पर घोटाले जारी रहे। ऐसे में उन्होंने देश छोड़ दिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था पर 59 पेज का श्वेत पत्र पेश किया। इसमें बताया गया है कि जब 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी। इकोनॉमिक मिसमैनेजमेंट और करप्शन था।
श्वेत पत्र के अनुसार, UPA सरकार के हतोत्साहित करने वाले निवेश माहौल ने घरेलू निवेशकों को विदेशों में अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया। बार-बार नीतिगत बदलावों के कारण इंडस्ट्रियलिस्ट्स ने इंडोनेशिया और ब्राजील जैसे देशों में निवेश का रुख किया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ पेश करने पर कांग्रेस महासचिव(संचार) जयराम रमेश ने कहा, “श्वेत पत्र में नोटबंदी, बेरोजगारी, महंगाई का जिक्र नहीं है। बढ़ती आर्थिक विषमताओं पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। ये किस लिए निकाला गया? जिन मुद्दों पर श्वेत पत्र निकालना चाहिए, चीन सीमा के हालातों और तनाव पर हम श्वेत पत्र मांग रहे हैं उस पर चुप्पी है। मणिपुर के हालात पर चुप्पी है। हमने नोटबंदी पर श्वेत पत्र मांगा था उस पर भी चुप्पी थी। 45 साल सबसे अधिक बेरोजगारी दर पर श्वेत पत्र नहीं है।”