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पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद के गोरखपुर आवास सहित अन्य ठिकानों पर हुई छापेमारी


गोरखपुर (उत्तर प्रदेश):-मगध व दूसरे विश्वविद्यालयों के कुलपति प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद यादव के सरकारी घर और बाकी ठिकानों पर बुधवार को छापे की कार्रवाई हुई | निगरानी विभाग की स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद के गोरखपुर आवास सहित अन्य ठिकानों पर दबिश दी है |आरोप है कि यह छापेमारी रिश्तेदार की फर्म से नियम विरुद्ध खरीदारी पर हुई है।बुधवार की सुबह से ही कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के गोरखपुर के तारामंडल रामगढ़ताल इलाके में स्थित निजी आवास और बाकी ठिकानों पर तलाशी ली गयी |इसके पहले स्पेशल विजिलेंस कोर्ट ने सर्च वारंट जारी कर दिया था |
स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने जो केस (संख्या 2/2021) दर्ज किया है। उसमें मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद यादव, निजी सचिव सुबोध कुमार समेत एक और शख्स पर केस दर्ज किया गया है |इसके अलावा पाटिलपुत्र यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार और अन्य के खिलाफ धारा 120 बी, 420 आईपीसी पीसी एक्ट 1988 समेत अन्य धाराओं में 16 तारीख को केस दर्ज किया गया था |कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ 20 करोड़ से अधिक की अवैध खरीदारी का आरोप है। ये खरीददारी उन्होंने मगध यूनिवर्सिटी और वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति रहते की। इस केस में डीएसपी लेवल के अफसर छापेमारी का नेतृत्व कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुलपति ने अपने रिश्तेदार की एजेंसी से करोड़ों की अवैध खरीददारी की। इस दौरान कुलपति ने निविदा की प्रक्रिया और नियम का उल्लंघन किया।प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि और इलाहाबाद स्टेट विवि प्रयागराज के कुलपति रह चुके हैं। वे रक्षा अध्ययन विषय के आचार्य हैं। साल 2019 में उन्हें बिहार के मगध यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया था। इससे पहले वे इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय को कुलपति भी रह चुके हैं। जबकि इससे पहले वे राज्य विश्वविद्यालय के ओएसडी थे। प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद यादव गोरखपुर के रहने वाले हैं। उनके नाम कई शैक्षिक उपलब्धियां दर्ज हैं। इससे पहले वे दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर रह चुके हैं। राज्य विवि में उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है। राजेन्द्र प्रसाद यादव गोरखपुर यूनिवर्सिटी में चार बार चीफ प्रॉक्टर रहे हैं। इसके अलावा वे डीन, रजिस्ट्रार एवं वित्त अधिकारी भी रह चुके हैं। कई सारे शैक्षिक एवं अकादमिक पदों पर कार्य कर चुके प्रो।

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