नई दिल्ली:- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “संसद के इस नए भवन में जब राष्ट्रपति हमें संबोधित करने आई और जिस गौरव और सम्मान के साथ सेंगोल और पूरे जुलूस का नेतृत्व किया हम सब उनके पीछे-पीछे चल रहे थे। नए सदन में ये नई परंपरा भारत के आजादी के उस पवित्र पल का प्रतिबिंब जब साक्षी बनता है तो लोकतंत्र की गरिमा कई गुना ऊपर चली जाती है।”
“मैं विपक्ष के संकल्प की सराहना करता हूं। उनके भाषण के एक-एक बात से मेरा और देश का विश्वास पक्का हो गया है कि इन्होंने लंबे अरसे तक वहां(विपक्ष में) रहने का संकल्प ले लिया है। आपलोग जिस तरह इन दिनों मेहनत कर रहे हैं, मैं पक्का मानता हूं जनता जनार्दन आपको जरूर आशीर्वाद देगी और आप जिस ऊंचाई पर है उससे भी अधिक ऊंचाई पर पहुंचेंगे और अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा में दिखेंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “वे विपक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहे। मैंने हमेशा कहा है कि देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है। मैं देख रहा हूं कि आपमें(विपक्ष) से बहुत लोग चुनाव लड़ने का हौसला भी खो चुके हैं। मैंने सुना है बहुत लोग सीट बदलने की फिराक में हैं। बहुत लोग लोकसभा के बदले अब राज्य सभा में जाना चाहते हैं।”
”वे (विपक्ष) विपक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे। मैंने हमेशा कहा है कि देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में देश की नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीब और हमारे किसान, मछुआरों की चर्चा की है। क्या जब देश के युवा की बात होती है तो सभी वर्ग के युवाओं की बात नहीं होती? क्या जब महिलाओं की बात होती है तो देश की सभी महिलाएं उसमें नहीं आती? कब तक टूकड़ो में सोचते रहेंगे? कब तक समाज को बांटते रहेंगे?”