नई दिल्ली :- सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ फर्जी खबरों से निपटने के लिए संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खंडित फैसला सुनाया। बता दें सुनवाई के दौरान न्यायाधीश गौतम पटेल याचिकाकर्ताओं की दलीलों से सहमत हुए वहीं न्यायाधीश नीला गोखले ने सरकार के पक्ष को बरकरार रखा। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश गौतम पटेल ने कहा कि खंडपीठ के जजों में इसको लेकर मतभेद हैं। मैंने याचिका का समर्थन किया, तो अन्य न्यायाधीश गोखले ने इस पर असहमति जताई, इसलिए अब इस मामले की सुनवाई तीसरे न्यायाधीश द्वारा नए सिरे से की जाएगी।
मामले को लेकर जजों में असहमति
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि दोनों जजों में असहमति के चलते मामला हाईकोर्ट के मुख्यम न्यायाधीश के सामने रखा जाएगा।, जो इसे तीसरे न्यायाधीश को सौंपेंगे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को दिए गए पहले के आश्वासन को दस दिनों के लिए बढ़ाने पर सहमति जताई कि जब तक फैसला नहीं आ जाता, सरकार संशोधित आईटी नियमों के तहत स्थापित की जाने वाली फैक्ट चेकिंग यूनिट (एफसीयू) को पहचानने और हरी झंडी दिखाने के लिए अधिसूचित नहीं करेगी। पीठ ने इस कथन को स्वीकार कर लिया।