नई दिल्ली :- इंडियन डाइट में सबसे ऊपर चावल और गेहूं आते हैं जिसे हर घर में लगभग रोजाना खाया जाता है। लेकिन अब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिकों द्वारा इनपर एक रिसर्च की गई है। एक अध्ययन में चावल और गेहूं की हाई उपज वाली किस्मों के बारे में एक परेशान करने वाली रिसर्च सामने आई है। डाउन टू अर्थ में डिटेल रिसर्च से संकेत मिलता है कि ये फसलें न केवल अपना पोषण मूल्य खो रही हैं बल्कि हानिकारक विषाक्त पदार्थों को भी जमा कर रही हैं। यह रिसर्च सार्वजनिक स्वास्थ्य पर संभावित प्रभाव के बारे में महत्वपूर्ण चिंताएं पैदा करता है।
रिसर्च के अनुसार, भारतीयों द्वारा खाए जाने वाले चावल और गेहूं में पोषण मूल्य लगातार कम होता जा रहा है। पिछले पांच दशकों में, भारत ने फूड सुरक्षा बढ़ाने के लिए तेजी से हाई उपज देने वाली चावल और गेहूं की किस्मों को पेश किया है। हालांकि, आईसीएआर के नेतृत्व वाला अध्ययन इन आधुनिक अनाजों के पोषक तत्वों में एक चिंताजनक बदलाव की ओर इशारा करता है। पैदावार बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए प्रजनन कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप अनजाने में जिंक और आयरन जैसे आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों में महत्वपूर्ण गिरावट आई है, जिससे इन प्रमुख फसलों का आहार महत्व कम हो गया है।
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