अयोध्या (उत्तर प्रदेश):- अयोध्या राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की गई है। इस शुभ अवसर पर श्री राम भक्त घर-घर निमंत्रण पंत्र और अन्य पूजा सामग्री वितरित कर रहे हैं। इन सामग्री में लोगों को अयोध्या से पूजित होकर आए पीले चावल (अक्षत) भी दिए जा रहे हैं। ज्यादातर लोग इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि इन पवित्र अक्षत का करना क्या है। यहां आपको हम आपको राम मंदिर से आए अक्षत के इस्तेमाल का तरीका बतायेंगे।
अयोध्या राम मंदिर से आए चावलों का ऐसे करें इस्तेमाल
गोरखपुर के प्रख्यात पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार अयोध्या से आए पवित्र अक्षत का इस्तेमाल तीन तरीके से करना है। इनमें से कुछ अक्षत घर के मंदिर के शंख में रखें। कुछ अक्षत अन्न भंडार में रखें। यानी आप इन अक्षत को अपने घर के चावलों में मिला लें। इस बात का ध्यान रखें कि आपका चावलों वाला बर्तन पूरे वर्ष भरा रहना चाहिए। यानी ये बर्तन खाली नहीं होना चाहिए। वहीं कुछ अक्षत आपको 22 जनवरी के लिए रख लेने हैं। इस दिन आप जो खीर बनाएंगे उसमें बचे हुए चावलों का मिला लें। फिर इस खीर के प्रसाद का वितरण करना है।
अक्षत का महत्व
हिंदू धर्म में हर शुभ काम में अक्षत का प्रयोग जरूर किया जाता है। बता दें प्राचीन काल में भी लोग एक-दूसरे को किसी उत्सव या कार्यक्रम का न्योता देने के लिए अक्षत का उपयोग किया करते थे। एक-दूसरे को निमंत्रण भेजने के लिए लोग हल्दी में रंगे हुए पीले चावलों का इस्तेमाल करते थे। आज भी कई जगह ये परंपरा निभाई जाती है।