नई दिल्ली :- कोरोना के कहर से अभी देश दुनिया के लोग उबर ही रहे थे कि एक और रहस्यमयी बीमारी ने धावा बोल दिया है। चीन से उपजी यह बीमारी अब अमेरिका तक अपना पैर पसार चुकी है। चीन में फैला यह खतरनाक वायरस मिस्ट्री वायरस के नाम से जाना जा रहा है। हालांकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO )ने इसे व्हाइट लंग सिंड्रोम नाम दिया है। यह इस रहस्यमयी बीमारी धीरे-धीरे पूरी दुनिया में पैर पसार रही है। इस बीमारी का सबसे ज़्याद असर छोटे बच्चों पर हो रहा है। डॉक्टर देवेंद्र सिंह ने बताया कि आखिर बच्चे इस बीमारी का शिकार ज़्यादा क्यों हो रहे हैं? इसके लक्षण को पहचान करआप अपना और अपने बच्चों का बचाव कैसे करें।
क्या है व्हाइट लंग्स सिंड्रोम?
डॉक्टर देवेंद्र कहते हैं अभी तक इसके कारण का पता नहीं लगाया जा सका है। माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टिरीया इस बीमारी के मुख्य वजह हो सकते हैं। इस बीमारी में व्यक्ति के फेफड़ों पर बूरा असर पड़ता है। इससे प्रभावित मरीजों के फेंफड़े में सूजन आ जाती है और वे सफेद दिखने लगते हैं। दरअसल, एक्स रे लेने के बाद जो रिपोर्ट आती है उसमे फेंफड़े ब्लैक दिखते हैं लेकिन इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति की एक्स रे रिपोर्ट में फेंफड़े सफ़ेद दिख रहे हैं इसलिए इसे यह नाम दिया गया है।
इस वजह से बच्चे हो रहे शिकार
इस बीमारी का शिकार ज्यादातर छोटे बच्चे हो रहे हैं। इसके पीछे सबसे मुख्य कारण बच्चों एक इम्यून सिस्टम कमजोर होना है। 5 से 10 साल के बीच के बच्चों की इम्यूनिटी धीर धीरे डेवलप होती है। यानी एक तरह से उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। ऐसे में कोई भी वायरस सबसे पहले कमजोर इम्यूनिटी पर आघात करता है। इसी वजह से बच्चे इस बीमारी का शिकार सबसे ज़्यादा हो रहे हैं।