नई दिल्ली :- आईसीसी विश्व कप फाइनल मैच के बाद कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के मामले में एक्शन के बाद पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि खेल के सिर्फ खेल के रूप में लेना चाहिए। पुलिस द्वारा कश्मीर विश्वविद्यालय के 7 छात्रों के खिलाफ यूएपीए के आरोप लगाए जाने पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बयान दिया है। उन्होंने कहा, “एक खेल को एक खेल के रूप में माना जाना चाहिए, इसे अपराध नहीं बनाया जाना चाहिए। यहां तक कि हमारे भी जब ऑस्ट्रेलिया जीता तो पीएम मुस्कुरा रहे थे तो कश्मीरियों पर यह संदेह, यह कब खत्म होगा? इससे पता चलता है कि बीजेपी असुरक्षित है, उन्होंने गलत किया है। इस यूएपीए को हटाया जाना चाहिए, हमारे युवाओं का भविष्य बर्बाद नहीं होना चाहिए।”
एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर अपनने एक पोस्ट में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह चिंताजनक और चौंकाने वाली बात है कि कश्मीर में विश्व कप विजेता टीम का समर्थन करना भी अपराध हो गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पूर अपने पोस्ट में लिखा, “पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और अब छात्रों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) जैसे कठोर कानूनों को लागू करने से जम्मू-कश्मीर में युवाओं के प्रति प्रशासन की क्रूर मानसिकता का पता चलता है।”
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम मुफ्ती ने पीडीपी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जम्मू कश्मीर में आईसीसी वर्ल्डकप में भारत की जीत के बाद कथित रूप से पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने के आरोप पर छात्रों का बचाव किया। उन्होंने कहा, “आपको जम्मू-कश्मीर के लोगों का दिल और दिमाग जीतना होगा। कितनों को जेल में डालेंगे? मैंने पहले भी कहा है कि एक विचारधारा होती है और आप किसी विचारधारा को पिंजरे में कैद नहीं कर सकते।”
मीडिया से बातचीत के दौरान महबूबा मुफ्ती ने कहा, “खेल तो खेल है, हमारे प्रधानमंत्री और उनसे पहले भी कई लोग मैच देखने गए और जो टीम अच्छा खेलती है उनका हौसला बढ़ाते हैं, वे विपक्षी टीम का भी हौसला बढ़ाते हैं और दावा करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में चीजें ठीक हैं, फिर ऑस्ट्रेलिया की जीत का जश्न मना रहे कुछ छात्रों को लेकर इतना डर और व्याकुलता क्यों है?”
क्या है मामला?
दरअसल, आईसीसी वर्ल्डकप में कथित रूप से भारत की हार के बाद बीजेपी ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे। मामले में एक्शन को लेकर पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार कश्मीरी छात्र शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SKUAST)-कश्मीर में पढ़ रहे हैं। उन पर यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।