इजरायल :- गाजा पट्टी में पचास दिनों के बाद वो सुबह आई है जब आंख खुलते ही गाजा के लोगों ने बम धमाकों की आवाज ना सुनी हो। गाजा में संघर्ष पर चार दिवसीय मानवीय विराम शुक्रवार (24 नवंबर) से शुरू हुआ है और आज मानवीय संघर्ष विराम का दूसरा दिन है लिहाजा अब पता लग रहे हैं। पिछले 50 दिनों की लड़ाई में गाजा पट्टी में कितनी तबाही फैली है। लड़ाई रुकने के साथ, मानवीय सहायता एजेंसियां इस युद्धविराम का उपयोग जरूरतमंद लोगों के बीच मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए करना चाह रही है, जहां हाल के हफ्तों में भोजन, ईंधन, पीने के पानी और दवाओं की कमी और स्थिति बदतर हो चुकी है।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने बड़े पैमाने पर बीमारी फैलने की चेतावनी दी है जिससे गाजा में मृत्यु दर बढ़ सकती है। वहीं, गाजा पट्टी का उत्तरी हिस्से का कुछ हिस्सा हफ्तों तक बाहरी मदद से कटा रहा जिसे संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने “पृथ्वी पर नर्क” करार दिया है।
गाजा बना धरती का नर्क!
गाजा में मानवीय स्थिति वास्तव में कैसी है? आइये समझते हैं। गाजा की 21 लाख की आबादी में से 17 लाख से ज्यादा लोगों के आंतरिक रूप से विस्थापित होने का अनुमान लगाया गया है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) के मुताबिक, उनमें से लगभग 10 लाख, संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) द्वारा संचालित कम से कम 156 आश्रय स्थलों में रह रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक आश्रय स्थलों में काफी ज्यादा भीड़ है और वो अपनी क्षमता से चार गुना से भी ज्यादा भर चुके हैं। हाल के दिनों में बड़ी संख्या में गाजा निवासी, इजरायली बमबारी से बचने के लिए दक्षिण की ओर भाग गए हैं। हालांकि इजरायली हवाई हमलों से दक्षिण भी प्रभावित हुआ है जिसमें गैर-लड़ाके मारे गए और घायल हुए हैं।
ज्यादातर विस्थापित पुरुष और बड़े लड़के आश्रय स्थलों की बाहरी दीवारों के बगल में खुले में सो रहे हैं। ओसीएचए ने कहा, कुछ परिवारों ने खान यूनिस में एक आश्रय स्थल के बाहर तंबू लगा लिया है।
अस्पतालों के क्या हैं हालात?
बमबारी और ईंधन की कमी के कारण, उत्तरी गाजा में कोई भी अस्पताल सामान्य रूप से काम नहीं कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक ओसीएचए का कहना है कि दक्षिण में 11 में से केवल आठ अस्पताल कार्यात्मक हैं और उनमें से केवल एक ही जटिल सर्जरी कर सकता है।