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निठारी कांड में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली:- इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा के कुख्यात निठारी कांड में आरोपी सुरेंद्र कोहली और मनिंदर सिंह पंढेर को सोमवार को पारित अपने आदेश में बरी कर दिया। इससे पूर्व गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में इन दोनों आरोपियों पर लड़कियों के साथ दुष्कर्म और हत्या का आरोप तय करते हुए। मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई थी।

बता दें कि हाईकोर्ट ने दोनों दोषियों की 14 अर्जियों पर फैसला सुनाया है। सुरेंद्र कोली ने 12 मामलों में मिली फांसी की सजा के खिलाफ अपील दाखिल की थी। वहीं मनिंदर सिंह पंढेर ने दो मामलों में मिली सजा के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी।हाईकोर्ट ने सीधे तौर पर कोई सबूत और गवाह नहीं होने के आधार पर दोनों दोषियों को बरी किया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। हालांकि रिंपा हलदर मर्डर केस में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही सुरेंद्र कोहली की फांसी की सजा को बरकरार रखा था, क्योंकि इन्हीं सबूतों के आधार पर रिंपा हलदर मर्डर केस में दोनों को फांसी की सजा मिली थी।

हाईकोर्ट में 134 कार्य दिवसों में अपील पर सुनवाई हुई थी। सुरेंद्र कोली की मौजूदा बारह में से पहली याचिका साल 2010 में दाखिल की गई थी। हालांकि इन याचिकाओं के अलावा भी हाईकोर्ट कोली की कुछ अर्जियों को निस्तारित कर चुका है। एक मामले में फांसी की सजा को बरकरार रखा गया है जबकि एक अन्य मामले में देरी के आधार पर उसे उम्र कैद में तब्दील किया जा चुका है।

2005-06 में हुए निठारी कांड में CBI ने चांच के बाद सुरेंद्र कोली को हत्या बलात्कार और अपहरण के मामलें में मुख्य आरोपी बनाया था। नहीं मनिंदर सिंह को ह्यूमन ट्रैफकिंग का आरोपी बनाया गया था। निचली अदालत के फैसले को दोनों आरोपियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। आरोपियों ने कोर्ट को बताया था कि इन घटनाओं का कोई चश्मदीद ही नहीं हैं। ऐसे में दोनों को फांसी की सजा कैसे सुनाई जा सकती हैं। मामले की सुनवाई करते हुए तथ्यों के आधार पर जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस एच ए रिजवी की बेंच ने दोनों को बरी करने का फैसला सुनाया।

निठारी कांड भारत के इतिहास वीभत्स हत्याकांड है। जहां 2006 में एक युवती को मनिंदर सिंह ने नौकरी देने का साझा दिया था। नौकरी की तलाश में नोएडा आई लड़की वापस घर ही नहीं लौटी। युवती के पिता ने पुलिस में शिकायत की। जिसके बाद 29 दिसबंर को मनिंदर सिंह की आलीशान कोठी के पीछे से पुलिस ने 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल बरामद किए थे।

2005 में मंनिदर के परिवार को वापस पंजाब लौटने पर कोठी में मंनिदर और कोली रहने लगे। इस दौरान उनके घर पर कई कॉल गर्ल्स आया करती थीं। आरोप है कि कोठी के से गुजरने वाले बच्चों को आरोपी पकड़ कुकर्म करते और फिर हत्या कर देते हालांकि गांव लोगों का कहना है, मनिंदर सिंह की कोठी से शरीर के अंगों का व्यापार होता। बच्चों को मारकर उनके अंग निकाल विदेशों में बेच दिए जाते थे।

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