काबुल (अफगानिस्तान):- अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.6 मैग्निट्यूड रही। एनसीएस के मुताबिक, शुक्रवार सुबह 6:39 बजे अफगानिस्तान में 50 किलोमीटर की गहराई पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, भूकंप की तीव्रता कम होने के चलते जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। अफगानिस्तान में 10 दिनों में तीन बार भूकंप आया।
11 अक्टूबर को अफगानिस्तान में बुधवार सुबह 6:11 पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 मापी गई। 4 दिन पहले इसी स्थान पर आए भूकंप में 2,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार,
वही 7 अक्टूबर को अफगानिस्तान में आए भूकंप से हेरात राज्य के जिंदा जान और घोरियान जिलों के 12 गांव पूरी तरह से तबाह हो गए। भूकंप के तेज झटकों से इमारते ताश के पत्तों की तरह ढह गई। कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं भी हुई। शनिवार, 7 अक्टूबर को आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 2,000 के पार पहुंच गई थी।
तालिबान सरकार ने कहा है कि अब तक 9,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 6.3 तीव्रता के इस भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 गांव नष्ट हो गए हैं और सैकड़ों नागरिक मलबे के नीचे दबे। 3 घंटे के अंदर यहां 6 आफ्टर शॉक भी महसूस किए गए थे।
क्यों आता है भूकंप
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे बड़ी तबाही होती है।