नई दिल्ली ब्यूरो :- भारतीय वायुसेना के बेड़े में अगले दस वर्षों के अंदर 233 अत्याधुनिक लड़ाकू विमान शामिल किए जाएंगे। नए विमानों की खरीद के लिए आरंभिक प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। सरकार की योजना है कि ज्यादातर लड़ाकू विमानों का निर्माण देश में ही किया जाए। इससे एक तरफ जहां वायुसेना के लिए पुराने मिग विमानों को हटाने का रास्ता साफ होगा। वहीं, देश में लड़ाकू विमानों के निर्माण से आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी गति मिलेगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों की खरीद को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। ये विमान एचएएल द्वारा निर्मित किए जाने हैं तथा इसके अत्याधुनिक संस्करण एलसीए-1ए की खरीद वायुसेना के लिए की जाएगी। हालांकि, इसके आरंभिक संस्करण के 22 विमान वायुसेना पहले ही खरीद चुकी है। रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए 38 हजार करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए हैं। एलसीए का यह संस्करण अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगा।