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रियल एस्‍टेट संकट ने कैसे चीन को मंदी की कगार पर ला खड़ा किया है यूएस के सब-प्राइम संकट जैसी है कहानी

अमेरिका:- अमेरिकी बाजार खुले और खुलते ही धड़ाम शेयर बाजार में भयानक बिकवाली के चलते करीब 1.2 लाख करोड़ डॉलर का मार्केट कैप एक दिन में साफ हो गया। लीमैन ब्रदर्स बैंक 2008 की मंदी के मुख्य विलेन था और बाजार की गिरावट का सबसे बड़ा शिकार भी।

ये बैंक बर्बाद हुआ था रियल एस्‍टेट सेक्‍टर की बबल बूम के बीच बांटे गए सब-प्राइम मॉर्गेज लोन की वजह से दुनिया की नंबर वन इकोनॉमी पर इस मंदी की ऐसी मार पड़ी जिससे उबरने में उसे सालों लग गए।

कुछ याद आ रहा है, वो माह था सितंबर लेकिन ये क्या बताएं कि हाल दूसरा है वो साल दूसरा था ये साल दूसरा है।15 साल बाद ऐसे ही हालात बन रहे हैं, दुनिया की दूसरी बड़ी इकोनॉमी चीन में‌ बिगड़ते हालात का पैटर्न यहां भी बिल्कुल वैसा ही है।

एकदम अमेरिका की तरह यहां भी पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्‍टेट सेक्‍टर की बबल-बूम बनती दिखी है और यहां भी पिछले कुछ वर्षों में बैंकों ने उसी तरह ताबड़तोड़ लोन बांटे।नतीजा सामने है- एवरग्रांड क्राइसिस, जो चीन की इकोनॉमी के लिए बहुत बड़ा विलेन बन कर उभरा है।

चीन की इकोनॉमी में रियल एस्‍टेट सेक्‍टर की 25 से 30% हिस्‍सेदारी है. रियल एस्‍टेट क्राइसिस का मतलब है पूरे चीन की इकोनॉमी पर संकट हाल के वर्षों में चीन का पूरा प्रॉपर्टी सेक्टर बड़ी मुसीबत में है रेटिंग एजेंसी  के मुताबिक बीते तीन साल में 50 से ज्‍यादा डेवलपर्स ने या तो डिफॉल्ट किया है या कर्ज चुकाने में नाकाम रहे हैं।

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