घोरावल से रामेश्वर सोनी की स्पेशल रिपोर्ट
सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- आज शुक्रवार से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है। पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से शुरू होकर पितृ मोक्ष अमावस्या तक चलते हैं। पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को याद कर उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। आचार्य विनोद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार पितर 16 दिन तक पृथ्वी पर रहने के बाद अपने लोक लौट जाते हैं।
इस दौरान पितर परिजनों के आसपास ही रहते हैं। इसलिए इन दिनों कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे पितर नाराज हो। इस साल 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक पितृ पक्ष है। तर्पण के लिए गुरुवार को लोगों ने जरूरी सामान खरीदा।
मांगलिक कार्यक्रमों पर 16 दिनों तक रहेगा विराम
पितृ पक्ष में मांगलिक काम नहीं होंगे। 16 दिन तक विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश, और भूमि पूजन सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा।