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Chanakya Niti: औरतों के साथ मर्द करे ये काम तो देती है मजा, ऐसे करने लगती है इशारे

नई दिल्ली :- आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन से संबंधित कई नीतियों का वर्णन किया है। ताकि वह अपने जीवन में जल्दी से जल्दी सफलता को हासिल कर सके।

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में राजनीति व्यापार और धन पर आज भी बिल्कुल स्टीक ज्ञान दिया है। आचार्य चाणक्य के इस ज्ञान को नैतिकता के नाम से जाना जाता है। चाणक्य की नीति शास्त्र आपको जीवन में कुछ भी हासिल करने में मदद करती है।

चाहे आप किसी भी क्षेत्र से संबंध रखते हो। चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में महिलाओं की कई इच्छा का उल्लेख किया है। आचार्य चाणक्य ने महिलाओं को लेकर वर्णन किया है कि पुरुषों के साथ इन कामों में बड़ा आनंद आता है।

चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में स्त्री और पुरुष की तुलना करके अपने विचार व्यक्त किए हैं। तुलना में उन्होंने कहा है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में दोगुनी भूख होती है। अगर आप चाणक्य नीति को पूरा पढ़ेंगे और उसका सही से पालन करेंगे तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

आचार्य चाणक्य ने भी अपनी राजनीतिक पुस्तकों में महिलाओं के विशेष लक्षणों का वर्णन किया है। जिन्हें महिलाएं हमेशा अपनी चेतना में रखती हैंए यानि की मन में। चाणक्या ने कहा कि महिलाएं इस बारे में किसी को नहीं बताती।

चाणक्य अपनी राजनीति में महिलाओं को पुरुषों के बराबर मानते हैं और अपने विचार व्यक्त करते हैं। इस राजनीति में आचार्य चाणक्य ने नारी की भूख, लज्जा, अर्थ, लज्जा, साहस और वासना का वर्णन किया है।

आइए जानें ऐसी कौन सी चीजें हैं जो महिलाएं अब शेयर नहीं करती हैं। महिलाएं दोगुनी भूखी होती हैं आचार्य चाणक्य के उपरोक्त श्लोक के अनुसार नारी शक्ति का वर्णन किया गया है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार महिलाओं को पुरुषों की तुलना में दोगुनी भूख लगती है। डाइट तो बाधित होती है, लेकिन वे अपनी भूख को कंट्रोल में रखती हैं।

चार गुना शर्म

चार गुना महिलाओं की शर्म आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं में शर्मिंदगी 4 गुना अधिक होती है। महिलाओं को इस कदर शर्मिंदगी उठानी पड़ती है कि वो अक्सर कुछ भी कहने की सोचती हैं।

साहस छह गुना

साहस छह गुना चाणक्य नीति के अनुसार महिलाएं शुरू से ही साहसी होती हैं। वहीं महिलाएं भी पुरुषों की तुलना में छह गुना बहादुर होती हैं। इसलिए नारी को शक्ति की प्रतिमूर्ति के रूप में भी देखा जाता है।

आठ गुना मुकाबले

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक कामेच्छा आचार्य चाणक्य के अनुसार महिलाओं में भी काम की इच्छा पुरुषों के मुकाबले आठ गुना ज्यादा होती है। लेकिन उनमें शर्म और सहनशीलता बहुत होती है। इसलिए वे इसका खुलासा नहीं करतीं और अपने संस्कारों को ध्यान में रखकर उनकी रक्षा करती है।

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