नई दिल्ली:- निफ्टी गुरुवार को सपाट खुला लेकिन जल्द ही तेल की कीमतों में उछाल और कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते बिकवाली के दबाव में आ गया। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा निफ्टी 165 अंक -0.8 फीसदी गिरकर 19551 के स्तर पर बंद हुआ।
ब्रेंट क्रूड की कीमत में तेज वृद्धि से ग्लोबल सेंटीमेंट प्रभावित हुई हैं। ब्रेंट लगभग 98 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई और यूएस 10 साल के बांड की यील्ड 4.5 प्रतिशत 16 साल के उच्चतम से ऊपर बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा ब्याज दरों के लंबे समय तक ऊंचे बने रहने की संभावना को लेकर भी वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं। निफ्टी मिडकैप100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 1.3 फीसदी 0.4 फीसदी की गिरावट के साथ व्यापक बाजारों में भी गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि आईटी और एफएमसीजी में लगभग 2 प्रतिशत की सबसे बड़ी गिरावट के साथ सभी सेक्टर लाल निशान में आ गए।
उन्होंने कहा आगे चलकर बाजार में कमजोरी तब तक जारी रहने की संभावना है जब तक कि तेल की ऊंची कीमतों और ऊंची ब्याज दरों पर चिंता बनी रहेगी।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बिकवाली व्यापक आधार पर थी क्योंकि तेल की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए निवेशक सतर्क हैं।यदि कच्चा तेल 90 डॉलर के स्तर से ऊपर बना रहता है तो यह मुद्रास्फीति के लिए भी खतरा होगा।
विश्व स्तर पर अमेरिकी जीडीपी डेटा और फेड प्रमुख के भाषण को ध्यान से देखा जाएगा जो भविष्य की प्रवृत्ति निर्धारित करेगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में उच्च ब्याज दरों और अमेरिकी बांड यील्ड का संयोजन एफआईआई को बिक्री मोड में रहने के लिए प्रभावित कर रहा है।