किसी कारण वश आंखों में चोट लग जाती है। या कीड़े मकोड़े घुस जाते हैं, या फिर कोई खरोच आ जाता है। तो यह आंखों के लिए नुकसानदायक होता है। ऐसी स्थिति में लापरवाही मत करें। प्राथमिक उपचार के बाद अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
इसके अलावा आंखों की कुछ ऐसी समस्याएं है, जो चोट लगने के कारण नहीं होती हैं। इसका कारण कुछ भी हो सकता है। जैसे धूल मिट्टी का कण आ जाने से आंखों में सूजन आ जाना, आंखों का लाल हो जाना। अगर ऐसी स्थिति दो से तीन दिन तक लगातार रहती है। तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
आंखों का दर्द, जलन और लाल हो जाना रसायनिक चोट पर भी निर्भर होता है। आपको बता दें कई लोग ऐसे क्षेत्र में रहते हैं। जहां फैक्ट्रियां, चीनी मिल और औद्योगिक फैक्ट्री पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
जिनके रसायन से आंखों को नुकसान पहुंचता है। और आंखों में जलन और दर्द होने लगता है। ऐसे में रासायनिक चोट से बचने के लिए indoor और outdoor पौधों का प्लांट लगा सकते हैं। जिससे आपके घर की हवा शुद्ध रहती है। आंखों को हानि पहुंचाने से बचाता है।
बाइक चलाते समय आंखों में धूल, बालू के कण पड़ जाते हैं। जिसे हम इग्नोर कर देते हैं। ऐसे में हमें लापरवाही नहीं करनी चाहिए। आंखों को भरी बाल्टी के पानी में डुबोना चाहिए। जिससे धूल मिट्टी बालों के कण आदि आसानी से बाहर निकल जाते हैं। और आंख का दर्द तुरंत गायब हो जाता है।
आंखों की सेफ्टी के लिए किसी भी ऐसे प्रवेश में न रहे, जहां पर आप की आंखों को हानि पहुंच सकता है। जैसे गुल्ली डंडा, धनुष तीर के खेल से दूर रहे।
आंखों को रगड़ने से बचें। बिना जानकारी के कोई भी उपचार ना करें। किसी भी तरह का drop का इस्तेमाल ना करें। ड्रॉप का इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें।
यदि आपको अचानक देखने में धुधलापन महसूस हो रहा हो। तो ठंडे पानी से आंखों पर छींटा मारे। इससे आंखों को तुरंत लाभ मिलेगा।
वाहन चलाते समय आंखों पर चश्मा जरूर लगाएं। इसे आंख को नुकसान नहीं पहुंचता है। दर्द होने पर आंखों को रगड़ने से बचें। और उस पर आईवाश का प्रयोग करें।
रोज़ अपनी आंखें धोएं
आंखों की मांसपेशियों को उत्तेजित रखें
दृष्टि सुधार एक्सरसाइज़ करें
अपनी आंखों को पूरा आराम दें
दृष्टि को मजबूत करने वाले भोजन का सेवन करें
धूप में जाते समय धूप का चश्मा पहनें
गंदे हाथों से आंखों को छूने से बचें