नई दिल्ली :- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट)2019 के परिणाम के आधार पर छात्र को 2022 में एबीबीएस में दाखिले के लिए होने वाली काउंसलिंग में शामिल होने के अनुमति नहीं दी जा सकती है। शीर्ष अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए यह फैसला दिया है जिसमें कहा गया था कि नीट 2019 के परिणाम के आधार पर छात्रों का पश्चिम बंगाल विज्ञान विश्वविद्यालय के एमबीबीएस में 2022 के काउसलिंग में शामिल होने की अनुमति दी थी।
जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए कहा है कि 2019 के नीट के परिणामों के आधार पर छात्र को 2022 में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला नहीं मिल सकता है। पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने के लिए दो प्रमुख आधार बताए हैं, इनमें पहला यह कि 2019 के परिणाम के आधार पर 2022 में दाखिला के लिए काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती। दूसरा यह कि अंतरिम आदेश के जरिए इस तरह के स्थाई प्रकृति के निर्देश जारी नहीं किए जा सकते। विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से दाखिल अपील का निपटारा करते हुए शीर्ष न्यायालय ने यह फैसला दिया है।