मुंबई (महाराष्ट्र):- भारतीय उद्योग जगत को आज बड़ा झटका लगा है। एशियन पेंट्स की स्थापना करने वाले और कंपनी के गैर कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य करने वाले परिवार की दूसरी पीढ़ी के अश्विन दानी का 28 सितंबर को 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
अरबपति अश्विन दानी को एशियन पेंट्स की विरासत पिता सूर्यकांत से मिली थी। साल 1942 में दानी के पिता सूर्यकांत और तीन अन्य लोगों ने इसकी शुरुआत की थी। अश्विन दानी की पढ़ाई की बात करें तो 1966 में मुंबई विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की। इसके बाद वह एक्रोन विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए।
दानी ने अपनी पहली नौकरी में डेट्रॉइट में एक केमिस्ट के रूप में काम किया। इसके बाद में साल 1968 में वह अपने पारिवारिक व्यवसाय एशियन पेंट्स में शामिल हो गए। साल 1997 में एशियन पेंट्स के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बन गए। दानी के नेतृत्व में एशियन पेंट्स ने विश्व स्तर पर अपने परिचालन का विस्तार किया और दुनिया की अग्रणी पेंट कंपनियों में से एक बन गई।
अनुसंधान एवं विकास निदेशक के तौर पर दानी ने रिसर्च में भारी निवेश किया जिसने कंपनी की प्रगति में अहम भूमिका निभाई। आज एशियन पेंट्स भारत में सबसे बड़ी पेंट कंपनी है। वहीं एशिया में तीसरी बड़ी और वैश्विक स्तर पर नौवीं सबसे बड़ी कंपनी है।
अश्विन धानी 26 सितंबर 1944 को मुंबई में हुआ था। 1966 में उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में बीएससी की डिग्री हासिल की। उसके बाद वे अमेरिका चले गए जहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ एकरॉन से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। उन्होंने केमिस्ट के रूप में डेट्रोएट में अपने करियर की शुरूआत की।1968 में उन्होंने अपने एशियन पेंट्स जो कि उनका फैमिली बिजनेस था उसे ज्वाइन कर लिया।
वित्त वर्ष 2022-23 में एशियन पेंट्स का रेवेन्यू 34,488 करोड़ रुपये रहा था जिसपर कंपनी को 4101 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। आज की तारीख में एशियन पेंट्स का मार्केट कैपिटलाईजेशन 303341 करोड़ रुपये है। गुरुवार के ट्रेडिंग सेशन में एशियन पेंट्स का स्टॉक 4.21 फीसदी की गिरावट के साथ 3162 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।