नई दिल्ली :- आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में शादीशुदा जीवन के बारे में भी बहुत सी बातों का वर्णन किया है। नीति शास्त्र के अनुसार शादी दो दिलों के मेल के साथ साथ दो घरों का मेल भी होता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में कई नीतियों के साथ साथ ना केवल शासन बल्कि मानव जीवन को एक सुधरा हुआ रूप देने का आदेश दिए है। आचार्य ने मानव जीवन से जुड़ी बहुत सी बातों के बारे में जिक्र किया है।
नीति शास्त्र मे आचार्य की ओर से कई समाजिक मुद्दा पर खुलकर बात की है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन साथी के चयन से पहले ध्यान रखने वाली बातों के बारे में बताया है। उनका मानना है कि अगर जीवनसाथी के चयन में गलती हो जाए तो वह परिवार के जीवन को नर्क बना देती है।
नाजुक होता है ये रिश्ता
कहा जाता है कि पति पत्नी का रिश्ता बहुत ही नाजुक होता है। शास्त्रो में लिखा है कि भगवान जोड़ियां उपर से ही बनाकर भेजता है। कई महिलाएं ऐसी होती हैं जो अपने पति की सोई किस्मत को फिर से जगा देती है।
शादी के बाद ऐसा बदलाव इसांन के जीवन में आता है जो उसे पहले नहीं मिलता है। इसलिए कहा जाता है कि ये पत्नियां अपने पति के जीवन में देवता के समान साथ देती है। आचार्य जी भी इसको प्राथमिकता देते हैं।
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।
बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है जो अपने कुल की लड़की से शादी करता है….
सुन्दर स्त्री का विवाह करता है जीवन नष्ट
अर्थ:-
2. उपरोक्त श्लोक के अनुसार चाणक्य नीति के शलोक में जिक्र किया गया है कि अगर आप शादी करने से जा रहे हैं तो लड़की का चुनाव ध्यान से करना जरुरी है। आप लड़की का फिगर देखने की बजाय उसे गुणों के बारे में ध्यान रखें।
3. सुंदर महिला से शादी
आपने कई लोगों को देखा होगा कि वह किसी सुंदर महिला को देखते ही उसे पीछे चले जाते हैं। लेकिन ऐसा करना सही नहीं है। चाणक्य नीति के अनुसार पुरुषों को सुंदर महिलाओं के पीछे भागना एक मुर्ख का काम होता है। चाणक्य जी के हिसाब से विकट स्थिति में परिवार साथ देने वाला स्त्री हमेशा आपके लिए सही होती है।
4. आंतरिक सुंदरता
आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्री में बाहरी सुंदरता से ज्यादा आंतरिक सुंदरता को प्राथमिकता देनी चाहिए। अगर आप लड़की का चयन करते समय धैर्य नहीं रखते हैं तो आप किसी ना किसी चोट का शिकार हो सकते हैं। क्योंकि इस मामले में जल्दबाजी करना बिल्कुल भी सही नहीं है।