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कितने भारतीय स्‍टूडेंट पढ़ाई के लिए जाते हैं कनाडा, विवाद बढ़ा तो क्‍या होगा

कनाडा:- खालिस्तान के मुद्दे पर भारत और कनाडा के बीच जारी विवाद पर केंद्र सरकार अपने सख्त रुख पर कायम है। कनाडा के राजनयिक को निकालने के बाद फिलहाल कनाडाई नागरिकों का वीजा सस्पेंड कर दिया गया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि कनाडा में भारत विरोधी ताकतों और अलगाववादियों को संरक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि वैश्विक परिवेश में छवि की बात की जाए तो कनाडा को अपने लिए चिंता करने की जरूरत है। खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में विवाद के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में अस्वाभाविक तनाव पैदा हो गया है। 10 प्वाइंट में समझें विदेश मंत्रालय ने अपने जवाब में क्या कहा है और इसके कूटनीतिक मायने क्या हैं।

इस फैसले से कनाडा के नागरिकों की भारत में एंट्री पर रोक लग गई। कनाडा में वीजा केंद्रों का संचालन करने वाली BLS इंटरनेशनल ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी। वेबसाइट पर कहा गया है कि ऑपरेशनल कारणों से भारत की वीजा सेवाएं 21 सितंबर से अगली सूचना तक बंद रहेगी। हालांकि सरकार ने इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या लगातार बढ़ ही है। इस साल फरवरी में विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2019 में 2,20,000 भारतीय छात्रों ने कनाडा के कॉलेजों में पढ़ाई के लिए परमिट लिया था।

कनाडा में विदेशी छात्रों की आबादी में भारतीय छात्रों की तादाद 34 प्रतिशत तक है। साल 2022 में 2,26,450 भारतीय छात्र कनाडा गए थे। वर्ष 2013 के बाद से कनाडा में प्रवास करने वाले भारतीयों की संख्या तीन गुना से अधिक हो गई है।

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