नई दिल्ली :- देश के प्रसिद्धि वकील हरीश साल्वे ने विनेश फोगाट को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। साल्वे ने बताया कि फोगाट ने पदक के लिए अपनी अपील पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स के फैसले के खिलाफ अपील करने का मौका ठुकरा दिया। हाल ही में सेवानिवृत्त हुई इस पहलवान ने कथित तौर पर राजनीति में शामिल होने के बाद पदक के लिए अपनी चुनौती को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इस मामले में साल्वे ही उनकी वकालत कर रहे थे।
हरीश साल्वे ने एक मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में कहा, “शुरू में काफी समय तक समन्वय की कमी थी, एकजुटता की कमी थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नियुक्त बहुत अच्छी लॉ फर्म को एथलीट द्वारा नियुक्त कुछ वकीलों ने कहा था कि ‘हम आपके साथ कुछ भी साझा नहीं करेंगे, हम आपको कुछ भी नहीं देंगे। जब हमें सबकुछ मिला तो बहुत देर हो चुकी थी।
उन्होंने आगे बताया, “बाद में, हमें सब कुछ मिल गया और हमने कड़ी लड़ाई लड़ी। वास्तव में, मैंने उस महिला को यह भी प्रस्ताव दिया कि शायद हम मध्यस्थता पुरस्कार के खिलाफ स्विस अपीलीय अदालत में इसे चुनौती दे सकते हैं, लेकिन वकीलों ने मुझे बताया कि मुझे लगता है कि वह इसे आगे नहीं बढ़ाना चाहती थी।”